Gorakhpur Weather News: आधे घंटे की बारिश ने बदल दिया मौसम का मिजाज, 19 के नीचे आया पारा- जानें आगे कैसा रहेगा मौसम
Gorakhpurweatherforecast गोरखपुर में शुक्रवार को पुरवा हवाओं की रफ्तार 28 किलोेमीटर प्रतिघंटा रही और बारिश छह मिलीमीटर रिकार्ड की गई। नम ठंडी हवाओं और बारिश के चलते शुक्रवार की सुबह शहर का तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। गुरुवार के मुकाबले यह तीन डिग्री सेल्सियस कम है।
गोरखपुर, जेएनएन। गरज-चमक के साथ बारिश को लेकर पिछले तीन-चार दिन से बने वायुमंडलीय माहौल का शुक्रवार को तड़के गोरखपुर शहर और आसपास के क्षेत्रों में असर दिख गया। बंगाल की खाड़ी की ओर से आ रही आंधी सरीखी तेज पुरवा हवाओं के साथ हुई बारिश ने वातावावरण को ठंडा कर दिया। सुबह-सुबह लोगों को एकबारगी सर्दी के मौसम का अहसास हुआ।
ऐसा है गोरखपुर का मौसम
मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय अनुसार पुरवा हवाओं की रफ्तार 28 किलोेमीटर प्रतिघंटा रही और बारिश छह मिलीमीटर रिकार्ड की गई। नम ठंडी हवाओं और बारिश के चलते शुक्रवार की सुबह शहर का तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। गुरुवार के मुकाबले यह तीन डिग्री सेल्सियस कम है। गुरुवार की सुबह का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस था। हवाओं की नमी और बारिश की बूंदों ने गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र की आद्रता बढ़ा दी है। शुक्रवार की सुबह आद्रता का प्रतिशत 92 तक पहुंच गया।
बारिश के बाद धूप निकली
हालांकि बारिश के बाद चमकदार धूप निकल आई है। मौसम विशेषज्ञ के अनुसार धूप के चमकदार रहने का सिलसिला अभी तीन-चार दिन तक बना रहेगा। ऐसे में नमी के चलते उसम भरी गर्मी शुरू हो जाने का पूर्वानुमान है। 12 मई तक एक बार फिर बारिश का माहौल बनेगा, जिससे 13 मई या उसके बाद दो से तीन दिन तक आसमान में बादलों का डेरा रहेगा और रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला चलेगा।
देर रात से बनने लगा माहौल
शुक्रवार की तड़के हुई आंधी के साथ बारिश का माहौल गुरुवार की देर रात से ही बनने लगा था। पुरवा हवाओं की नमी बादलों के रूप में आसमान में जमा होने लगी थी। उधर पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर बने चक्रवातीय हवाओं के क्षेत्र में सक्रियता बढ़ गई थी। बादलों का बोझ आसमान को बर्दाश्त नहीं हुआ तो बारिश शुरू हो गई और चक्रवातीय हवाओं का साथ पाकर पुरवा हवाएं ने आंधी सा रुख अख्तियार कर लिया। यह सिलसिला आधा से पौन घंटा चला। बारिश थोड़ी ही हुई लेकिन इसका दायरा गोरखपुर से लेकर महाराजगंज और सिद्धार्थनगर तक रहा।