मनरेगा मजदूर बन गुरुजी ने ले लिया भुगतान, ग्राम प्रधान व सचिव से होगी धन की वसूली Gorakhpur News
सिद्धार्थनगर के सदर ब्लाक के ग्राम पंचायत रामगढ़ में मनरेगा मजदूरी में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। रामगढ़ ग्राम पंचायत के एक वित्तपोषित विद्यालय के दो शिक्षकों के नाम पर मनरेगा मजदूरी का भुगतान किया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन : सिद्धार्थनगर जिले के सदर ब्लाक के ग्राम पंचायत रामगढ़ में मनरेगा मजदूरी में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। रामगढ़ ग्राम पंचायत के एक वित्तपोषित विद्यालय के दो शिक्षकों के नाम पर मनरेगा मजदूरी का भुगतान किया गया है। मामला वित्तीय वर्ष 2013-14 व 2014-15 का है। आइजीआरएस पर हुई शिकायत की जांच बीडीओ नौगढ़ ने की। उन्हाेंने जांच रिपोर्ट उपायुक्त श्रम रोजगार को भेज दी है। ग्राम निवासी अबू तालिब व रामनेवास ने प्रशासन से शिकायत की थी कि फकरुद्दीन व अकबाल अहमद दोनों एक विद्यालय में शिक्षक हैं। नियम विरुद्ध इन्हें मनरेगा में श्रमिक दिखाते हुए रोजगार दिवस का सृजन किया गया।
बीडीओ नौगढ़ को सौंपी गई जांच
12 से 18 मार्च, 2014 के बीच सात दिन के मजदूरी का भुगतान किया गया है। इसके बाद 17 अप्रैल से 14 मई, 2014 के बीच 28 दिन की मजदूरी दिखाई गई है। शिकायत को संज्ञान में लेने के बाद बीडीओ नौगढ़ को जांच सौंपी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षकों को जिस समय मनरेगा में मजदूरी करते हुए दर्शाया गया है, उस दौरान साप्तहिक अवकाश को छोड़ प्रतिदिन विद्यालय के रजिस्टर में दोनों की उपस्थिति दर्ज है। मिलीभगत से 42 रोजगार दिवस सृजित कर दोनों को मजदूरी का भुगतान किया गया। तत्कालीन ग्राम सचिव भोला प्रसाद, रोजगार सेवक रंजना सिंह व ग्राम प्रधान निसार अहमद की भूमिका संदिग्ध मिली है।
रिपोर्ट में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
उपायुक्त श्रम रोजगार संजय शर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश हुआ है। तत्कालीन प्राम सचिव, ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकारी धन की वसूली होगी। रोजगार सेवक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
धान खरीद घोटाले में 55 लाख रुपये जमा
तहसील डुमरियागंज अंतर्गत धान क्रय में अनियमितता होने पर 78 लाख रुपये की सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किया गया। इसमें से 55 लाख रुपये जमा किए जा चुके हैं। एसडीएम त्रिभुवन ने बताया कि सोमवार तक शत-प्रतिशत जमा करने के लिए आरोपितों ने समय मांगा है। तहसील प्रशासन द्वारा चेतावनी दी गई है कि यदि ब्याज सहित समस्त धनराशि सोमवार तक नहीं जमा होगी तो संपत्ति कुर्क कर नीलाम कर दी जाएगी। धान क्रय अनियमितता के जिम्मेदार चारों धान क्रय केंद्रों धनोहरी, भरवटिया मुस्तकहम, चिताही और हटवा को निरस्त करने की रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित की गई है। पूर्व में चारों केंद्र प्रभारियों पर मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है।