आम के बाजार में अमरूद की दस्तक, आम से ढाई गुना अध‍िक कीमत पर बिक रही है परदेसी अमरूद

गोरखपुर के बाजार में इस समय आम से ढाई गुना अधिक कीमत पर अमरुद बिक रहा है। मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के थाईलैंड प्रजाति के थाई प‍िंंंक अमरूद का आकार चमक लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। यह बाजार में 120 से लेकर 150 रुपये किलो बिक रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 06:10 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 06:10 PM (IST)
आम के बाजार में अमरूद की दस्तक, आम से ढाई गुना अध‍िक कीमत पर बिक रही है परदेसी अमरूद
गोरखपुर में अमरूद बेचता ठेले वाला। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। सीजन भले आम का चल रहा हो लेकिन बाजार में मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ के अमरूद ने भी दस्तक दे दी है। चार से छह सौ ग्राम तक की साइज वाले यह अमरूद बाजार में धूम मचाए हुए हैं। यह आम की तुलना में तीन से चार गुना कीमत में आसानी से बिक जा रहे हैं। अमरूद का आफ सीजन होने के कारण अभी बड़े पैमाने पर तो नहीं लेकिन रोजाना 8 से 10 क्‍व‍िंटल इसकी बिक्री हो जाती है।

सौ रुपये प्रत‍ि क‍िलो भाव

गोरखनाथ थाना क्षेत्र के फल विक्रेता सिकंदर ने बताया कि यह अमरूद का सीजन नहीं है। इस समय मध्य प्रदेश व छत्तीसढ़ से अमरूद आ रहे हैं। रोजाना नौसढ़ से 100 रुपये किलो के भाव से अमरूद की खरीददारी करते हैं। वहां से लाने पर तमाम अमरूद खराब निकल जाता है। लाने का भाड़ा अलग से लगता है। ऐसे में वह 150 रुपये किलो के भाव से इसकी बिक्री करते हैं। रोजाना वह करीब 30 से 40 किलो अमरूद की बिक्री कर लेते हैं। टाउनहाल के पास एक और फल विक्रेता ने बताया कि अभी आम का समय है। उसकी मांग अधिक है। बावजूद इसके दिन भर में 40-50 किलो अमरूद की भी बिक्री हो जाती है।

बाजार से गायब है लोकल अमरूद

नौसढ़ मंडी के विजय कुमार ने बताया कि इस समय अभी लोकल अमरूद न के बराबर बाजार में हैं। मध्यप्रदेश के रायसेन व छत्तीसगढ़ के भिलाई से अमरूद मंगाए जा रहे हैं। रोजाना तीन से चार ङ्क्षक्वटल बिक्री हो जा रही है। जिले भर में रोजाना आठ से 10 ङ्क्षक्वटल अमरूद बिक जाता है। मंडी समिति के सचिव सेवाराम वर्मा ने बताया कि जुलाई अंतिम सप्ताह से कहीं लोकल के अमरूद बाजार में उतरेंगे। अभी तो छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश से ही कुछ अमरूद आ रहे हैं, लेकिन उसकी मात्रा बहुत कम है। अन्यथा दिसंबर से लेकर फरवरी माह तक यहां बड़े पैमाने पर अमरूद की बिक्री होती है। रोजाना 80 से 90 ङ्क्षक्वटल अमरूद सिर्फ फल मंडी से ही बिक जाते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी है मांग

इसके अलावा नौसढ़, पीपीगंज, कैंपियरगंज, मुंडेराबाजार, खजनी, सिकरीगंज, बांसगांव, कौड़ीराम सहित करीब दो दर्जन ऐसे स्थान हैं जहां छोटे पैमाने अमरूद की बिक्री होती है। ग्रामीण क्षेत्रों के फुटकर फल विक्रेता तो वहीं से इसकी खरीददारी करते हैं। सीजन में माह भर में करीब पांच से छह हजार क्‍व‍िंटल बिक्री हो जाती है। इसमें करीब 40 फीसद अमरूद छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश का रहता है। इसके अलावा लोकल व इलाहाबाद तथा लखनऊ के अमरूद की खपत होती है। अधीक्षक राजकीय उद्यान अरुण तिवारी का कहना है कि जिले में करीब 150 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अमरूद का बाग है। यहां बड़े पैमाने पर इलाहाबाद सफेदा व लखनऊ 49 का उत्पादन होता है। लेकिन इधर तेजी से मध्यप्रदेश व छत्तीसढ़ के अमरूद की मांग हो रही है।

इसलिए हो रही है मांग

मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के थाईलैंड प्रजाति के थाई ङ्क्षपक अमरूद का आकार, चमक लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। इसलिए यह बाजार में 120 से लेकर 150 रुपये किलो तक बिक रहा है।

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