गोरखपुर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं का बहिष्कार नहीं करेगा गुआक्टा

गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध् वित्तपोषित महाविद्यालयों के शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं के बहिष्कार के निर्णय को वापस लेने ओर परीक्षा में सहयोग देने का आश्वासन कुलपति को दिया है। कुलपति ने शिक्षकों के संगठन गुआक्टा के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और उनकी समस्याएं सुनीं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 01:52 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 08:45 AM (IST)
गोरखपुर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं का बहिष्कार नहीं करेगा गुआक्टा
गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं के बहिष्कार के निर्णय को वापस ले ल‍िया है।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध् वित्तपोषित महाविद्यालयों के शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं के बहिष्कार के निर्णय को वापस लेने ओर परीक्षा में सहयोग देने का आश्वासन कुलपति प्रो. राजेश स‍िंह को दिया है। कुलपति ने शिक्षकों के संगठन गुआक्टा के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने विश्वविद्यालय के अधिनियम के तहत उनकी समस्याओं को सुलझाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद उन्हें शिक्षकों की ओर से परीक्षा के बहिष्कार वापस लेने और परीक्षा में सहयोग का आश्वासन मिला।

कुलपति से वार्ता में बाद ल‍िया न‍िर्णय

वार्ता के क्रम में महाविद्यालय के शिक्षकों को शोध की अनुमति देने के मामले में कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय की परिनियमावली में यूजीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक अपेक्षित बदलाव कर इसे कार्यपरिषद और राजभवन से अनुमोदित कराया जाएगा। पूरी प्रक्रिया के अनुपालन में दो से तीन महीने का वक्त लग सकता है। स्नातक स्तर के महाविद्यालय के शिक्षक पर्यवेक्षक के लिए पीएचडी अध्यादेश 2018 के अनुसार नियमित शिक्षक, जिसमें प्रोफेसर के लिए पांच, सहयुक्त आचार्य और और आचार्य के लिए दो शोध पत्र प्रकाशित किए हो, अपना आवेदन प्राचार्य के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन को भेज सकते हैं। जिसे डिपार्टमेंटल रिसर्च कमेटी और रिसर्च डिग्री कमेटी से अनुमोदित कराकर शोध पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा।

एक सप्ताह में तैयार होगी वरिष्ठता सूची

विद्यापरिषद और कार्यपरिषद में गुआक्टा के पदाधिकारियों को शामिल करने की मांग पर कुलपति ने कहा कि वरिष्ठता सूची एक सप्ताह में तैयार कर सदस्यों को नामित किया जाएगा। परीक्षा समिति में सदस्यता देने और महाविद्यालय शिक्षकों की प्रोन्नति के पैनल में महाविद्यालय के एक शिक्षक को शामिल करने की मांग पर कुलपति ने कहा कि परिनियमावली के मुताबिक कार्यवाही की जाएगी।

कुलपति ने बताया कि प्री-पीएचडी कोर्स की परीक्षा को एक महीने में पूरा करा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के शिक्षकों के पाल्यों का प्रवेश अधिसंख्यक कोटा के तहत होगा। प्रतिनिधिमंडल में गुआक्टा के अध्यक्ष डा. केडी तिवारी, मंत्री डा. धीरेंद्र स‍िंह, उपाध्यक्ष डा. सीमा त्रिपाठी, संयुक्त मंत्री अनुप कुमार श्रीवास्तव, प्रांतीय प्रतिनिधि डा. लोकेश त्रिपाठी और डा. रवींद्र कुमार शामिल रहे।

chat bot
आपका साथी