अपराध रोकने में कुली होंगे मददगार, जीआरपी ने साझा बैठक
रेलवे स्टेशन के कुली ही अब अपराध रोकने में मददगार साबित होंगे। जीआरपी ने इनके साथ बैठक कर पूरी जानकारी दी और मदद करने को कहा।
गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे स्टेशन परिसर व ट्रेन में अपराध रोकने के लिए जीआरपी कुलियों की मदद ले रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इसमें कुली सबसे ज्यादा मददगार साबित हो सकते हैं। कुली स्टेशन पर ज्यादा समय देते हैं और वह यात्रियों की हर बारीकियों पर ध्यान देते हैं। वैसे भी थाने पर तैनात 70 फीसद से अधिक सिपाही चुनाव ड्यूटी में चले गए हैं। काम के दौरान कोई संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु दिखने पर कुली जीआरपी थाना व आरपीएफ पोस्ट प्रभारी को सूचना देते हैं।
लोकसभा चुनाव ड्यूटी में फोर्स बाहर चले जाने से स्टेशन पर जीआरपी सिपाहियों की प्लेटफार्म ड्यूटी नहीं लग रही। 40 से अधिक ट्रेनों में एस्कोर्ट बंद हो गई है। फोर्स की कमी के बीच स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखने के लिए जीआरपी कुलियों की मदद ले रही है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर 180 कुली हैं। जीआरपी थाना प्रभारी अजीत सिंह ने बताया कि वेंडर और कुली स्टेशन पर घूमते रहते हैं। ऐसे में इनकी मदद से संदिग्ध वस्तुओं और बदमाशों पर नजर रखी जा सकती है।
कुलियों को थाने बुलाकर समझाया गया कि वह किस तरह से स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत बनाने में सहयोग दे सकते हैं। स्टेशन परिसर, प्लेटफार्म, प्रतीक्षालय, बुकिंग हाल में अगर संदिग्ध और लावारिस वस्तु दिखे तो इसकी सूचना तत्काल जीआरपी और आरपीएफ को दें। जीआरपी इसी बहाने अपना सूत्र भी तगड़ा कर सकती है। उन्हें रेलवे स्टेशन की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की आसानी से जानकारी हो जाएगी। कुली ही ऐसे सूत्र हो सकते हैं जो रेलवे स्टेशन पर चौबीस घंटे मौजूद मिलते हैं।
लोकसभा चुनाव ड्यूटी में फोर्स बाहर चले जाने से स्टेशन पर जीआरपी सिपाहियों की प्लेटफार्म ड्यूटी नहीं लग रही। 40 से अधिक ट्रेनों में एस्कोर्ट बंद हो गई है। फोर्स की कमी के बीच स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखने के लिए जीआरपी कुलियों की मदद ले रही है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर 180 कुली हैं। जीआरपी थाना प्रभारी अजीत सिंह ने बताया कि वेंडर और कुली स्टेशन पर घूमते रहते हैं। ऐसे में इनकी मदद से संदिग्ध वस्तुओं और बदमाशों पर नजर रखी जा सकती है।
कुलियों को थाने बुलाकर समझाया गया कि वह किस तरह से स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत बनाने में सहयोग दे सकते हैं। स्टेशन परिसर, प्लेटफार्म, प्रतीक्षालय, बुकिंग हाल में अगर संदिग्ध और लावारिस वस्तु दिखे तो इसकी सूचना तत्काल जीआरपी और आरपीएफ को दें। जीआरपी इसी बहाने अपना सूत्र भी तगड़ा कर सकती है। उन्हें रेलवे स्टेशन की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की आसानी से जानकारी हो जाएगी। कुली ही ऐसे सूत्र हो सकते हैं जो रेलवे स्टेशन पर चौबीस घंटे मौजूद मिलते हैं।