Gorakhpur University: पहले साल में पास करने के लिए स्नातक विद्यार्थियों ने दिया धरना

दूसरे वर्ष में पास होने के बाद पहले वर्ष में फेल होने का रिजल्ट मिलने से खफा सेंट एंड्रयूज कालेज के स्नातक विद्यार्थियों ने लगातार दूसरे दिन तीन दिसंबर को भी दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक कक्ष के सामने जमकर हंगामा गया।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 11:50 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 11:50 AM (IST)
Gorakhpur University: पहले साल में पास करने के लिए स्नातक विद्यार्थियों ने दिया धरना
पहले साल में पास करने के लिए स्नातक विद्यार्थियों ने दिया धरना। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दूसरे वर्ष में पास होने के बाद पहले वर्ष में फेल होने का रिजल्ट मिलने से खफा सेंट एंड्रयूज कालेज के स्नातक विद्यार्थियों ने लगातार दूसरे दिन तीन दिसंबर को भी दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक कक्ष के सामने जमकर हंगामा गया। हंगामे की जानकारी मिलते ही जब पुलिस पहुंच गई तो विद्यार्थियों ने धरने का रुख अख्तियार कर लिया।

बीआरडीपीजी कालेज के छात्र भी धरने में हुए शामिल

तीन दिसंबर को सेंट एंड्रयूज कालेज के विद्यार्थियोें को बीआरडी पीजी कालेज देवरिया के विद्यार्थियों का साथ भी मिल गया था। क्योंकि परीक्षा परिणाम निकलने के बाद वही दिक्कत वहां के विद्यार्थियों के सामने भी आई है। दूसरे वर्ष में पास होने के बावजूद पहले वर्ष में फेल होने के चलते तृतीय वर्ष में उनका प्रवेश महाविद्यालय द्वारा नहीं लिया जा रहा।

दो दिसंबर को परीक्षा नियंत्रक से मिले थे विद्यार्थी

सेंट एंड्रयूज के विद्यार्थी अपनी शिकायत लेकर परीक्षा नियंत्रक के पास दो दिसंबर को भी गए थे लेकिन नियंत्रक ने उन्हें यह कहकर वापस लौटा दिया था कि परिणाम शासन के नियमों के अनुसार घोषित किया गया है। नियंत्रक की बात से असंतुष्ट विद्यार्थी तीन दिसंबर को फिर वहां पहुंच गए। इस बार उनकी संख्या गुरुवार के मुकाबले काफी ज्यादा थी। कुछ ही देर में जब बीआरडी पीजी कालेज के विद्यार्थी वहां पहुंच गए तो विद्यार्थी प्रदर्शन के मूड में आ गए।

कोरोना की वजह से पहले वर्ष में विद्यार्थियों को किया गया था प्रमोट

विद्यार्थियों का कहना था कि जब उन्हें कोरोना संक्रमण के चलते पहले वर्ष में प्रमोट कर दिया गया था, तब वह उसी वर्ष में अब फेल कैसे हो गए। परीक्षा नियंत्रक ने जब तल्ख लहजे में उनसे बात की तो विद्यार्थी उग्र हो गए। माहौल बिगड़ता देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस बुला लिया। पुलिस ने जब समझा-बुझाकर उन्हें वहां से हटाने की कोशिश की तो विद्यार्थी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए।

एक घंटे तक धरने पर बैठे रहे विद्यर्थी

करीब एक घंटे के धरने के बाद पुलिस विद्यार्थियों को यह कहकर कार्यालय से बाहर ले आई कि उनकी समस्या का समाधान विश्वविद्यालय प्रशासन निकाल रहा है। बावजूद इसके प्रशासनिक भवन परिसर में विद्यार्थी तब तक जमे रहे, जब तक उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इसे लेकर आश्वासन नहीं मिल गया। हालांकि विद्यार्थी यह कहकर वापस लौटे कि यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सोमवार को वह फिर प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।

उच्च स्तरीय समिति ने लिया कृपांक देने का निर्णय

परीक्षा परिणाम को लेकर विद्यार्थियों के प्रदर्शन की जानकारी जब कुलपति प्रो. राजेश सिंह को मिली तो उन्होंने इसके समाधान के लिए एक उच्च स्तरीय समिति को छात्रहित में निर्णय लेने का निर्देश दिया। समिति ने बैठक कर छात्रों को कृपांक देने का निर्णय लिया। जल्द इस निर्णय पर मुहर के लिए परीक्षा समिति की बैठक बुलाई जाएगी। यह जानकारी देर शाम परीक्षा नियंत्रक डा. अमरेंद्र सिंह ने दी।

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