आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मासिस्टों को भी बीमा रिस्क कवर दे सरकार Gorakhpur News

कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए मार्च 2020 से ही आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मासिस्ट भी हेल्थ पोस्ट स्वास्थ्य केंद्रों जांच केंद्रों कोविड कंट्रोल रूम आरआरटी में सेवा दे रहे हैं। उनके व उनके स्वजन के संक्रमित होने का खतरा बना रहता है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 05:16 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 05:16 PM (IST)
आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मासिस्टों को भी बीमा रिस्क कवर दे सरकार Gorakhpur News
डाक्‍टर के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मासिस्ट संघ के प्रदेश अध्यक्ष विद्याधर पाठक ने कहा कि सरकार आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मासिस्टों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए मार्च 2020 से ही आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मासिस्ट भी हेल्थ पोस्ट, स्वास्थ्य केंद्रों, जांच केंद्रों, कोविड कंट्रोल रूम, आरआरटी में सेवा दे रहे हैं। उनके व उनके स्वजन के संक्रमित होने का खतरा बना रहता है।

उन्‍होंने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना ड्यूटी में लगे एलोपैथिक फार्मासिस्टों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को 50 लाख रुपये का बीमा रिस्क कवर दे रही है। इसी तरह आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मासिस्टों को भी रिस्क कवर दिया जाए। उन्‍होंने कहा कि जब आयुर्वेदिक और यूनानी डाक्‍टरों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है, तो उनके साथ न्‍याय होना चाहिए। हमारे कर्मचारी डर-डर काम कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि उत्‍साह बढ़ाने के लिए बीमार रिक्‍स कवर की व्‍यवस्‍था करे।

अस्‍पतालों में रिक्‍त पदों पर नियुक्ति की मांग

उन्होंने कहा कि प्रदेश के आयुर्वेदिक चिकितसालयों में करीब 750 फार्मासिस्टों, 135 चीफ फार्मासिस्टों, 200 यूनानी फार्मासिस्ट एवं 10 यूनानी चीफ फार्मासिस्ट के पद रिक्त हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि रिक्त पदों पर नियुक्ति एवं पदोन्नति की जानी चाहिए। 23 मई 2014 को जारी शासनादेश के अनुसार 650 आयुर्वेदिक एवं 89 यूनानी फार्मासिस्ट पदों के सापेक्ष  25 फीसद पदों पर एक वर्ष के भीतर प्रतीक्षा सूची जारी करने को कहा गया था लेकिन आज तक प्रतीक्षा सूची जारी नहीं हो सकी। जल्द से जल्द यह प्रतीक्षा सूची जारी होनी चाहिए। पदोन्नति अप्रैल 2018 से रुकी है। पदोन्नति को भी जल्द से जल्द बहाल किया जाए। उन्होंने कहा कि एसीपी, समायोजन, स्थायीकरण, निरस्त स्थायी करण बहाल करने जैसी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। 

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