शासन ने गोरखपुर-बस्‍ती मंडल को दिए 20 करोड़ रुपये, जानिए क्‍या है मामला Gorakhpur News

कोरोना से लड़ाई के लिए शासन ने गोरखपुर एवं बस्ती मंडल को 20 करोड़ रुपये की सहायता दी है। इसमें से गोरखपुर एवं देवरिया जिले को पांच-पांच करोड़ रुपये दिए गए हैं। जबकि महराजगंज कुशीनगर बस्ती संतकबीरनगर व सिद्धार्थनगर को दो-दो करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 11:10 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 11:10 AM (IST)
शासन ने गोरखपुर-बस्‍ती मंडल को दिए 20 करोड़ रुपये, जानिए क्‍या है मामला  Gorakhpur News
शासन ने कोरोना से जंग के लिए दिए 20 करोड़ रुपये।

गोरखपुर, जेएनएन : कोरोना से लड़ाई के लिए शासन ने गोरखपुर एवं बस्ती मंडल को 20 करोड़ रुपये की सहायता दी है। इसमें से गोरखपुर एवं देवरिया जिले को पांच-पांच करोड़ रुपये दिए गए हैं। जबकि महराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संतकबीरनगर व सिद्धार्थनगर को दो-दो करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

एन 95 मास्क, थर्मल स्कैनर आदि के लिए खर्च किए जा सकेंगे रुपये

यह रकम दवा, पीपीई किट, एन 95 मास्क, थर्मल स्कैनर आदि के लिए खर्च की जा सकेगी। जिस मद के लिए पैसा दिया गया है, उसी में खर्च किया जा सकेगा। इस धन को खर्च करने के लिए हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा।

पूरे प्रदेश में दिए 225 करोड़ रुपये

शासन ने कोरोना से लड़ाई के लिए पूरे प्रदेश में करीब 225 करोड़ रुपये दिए हैं। इस धनराशि को खर्च करने के लिए बनी कमेटी में जिलाधिकारी अध्यक्ष रहेंगे। इसके अलावा मुख्य चिकित्साधिकारी, मेडिकल कालेज वाले जिले में उसके प्राचार्य, मुख्य विकास अधिकारी, प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय (गोरखपुर में नगर आयुक्त), मुख्य कोषाधिकारी/कोषाधिकारी कमेटी में शामिल होंगे।

इन कार्यों के लिए खर्च हो सकेगी धनराशि

- दवा, पीपीई किट, एन 95 मास्क, होम मेडिकल किट, थर्मल स्कैनर, आक्सीजन सिलेंडर आदि।

- कोविड टेस्टिंग किट (स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित दरों पर निजी लैब में टेस्टिंग सहित)।

- सर्विलांस, स्क्रीनिंग अभियान, कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए वाहन किराए पर लेना। ए श्रेणी के जिले में अधिकतम 15 वाहन, बी एवं सी श्रेणी के जिले में 10 वाहन किराए पर लिए जा सकेंगे।

- स्वास्थ्य विभाग एवं गृह विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कंटेनमेंट जोन संचालन के लिए।

- सर्विलांस एवं स्कैनिंग कार्य के लिए डाटा इंट्री जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए आउटसोर्सिंग पर कर्मी रखे जा सकेंगे लेकिन डाक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ तथा लैब टेक्नीशियन आदि की संविदा सेवा के लिए इस मद से खर्च की अनुमति नहीं होगी।

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