गोरखपुर में रेडीमेड गारमेंट को बढ़ावा देने का सरकारी प्रयास तेज, सीएफसी बनाने पर मंथन Gorakhpur News

गोरखपुर जिले में ओडीओपी उत्पाद के रूप में टेराकोटा कलाकृतियों को शामिल किया गया है। इस उत्पाद के उत्थान की सीमित संभावनाओं को देखते हुए गोरखपुर से एक और उत्पाद को इस सूची में शामिल कराने पर सहमति बनी।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 01:15 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 03:45 PM (IST)
गोरखपुर में रेडीमेड गारमेंट को बढ़ावा देने का सरकारी प्रयास तेज, सीएफसी बनाने पर मंथन Gorakhpur News
उद्योग विभाग के उपायुक्‍त आरके शर्मा का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल होने के बाद रेडीमेड गारमेंट को बढ़ावा देने के प्रयास तेज हो गए हैं। उत्पाद को और बेहतर बनाने के लिए कामन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) स्थापित करने को लेकर मंथन शुरू हो गया है। कंसलटेंसी फर्म के साथ मिलकर जिला उद्योग केंद्र इसकी रूपरेखा बनाने में जुटा है।

इसलिए शामिल हुआ रेडीमेड गारमेंट

गोरखपुर जिले में ओडीओपी उत्पाद के रूप में टेराकोटा कलाकृतियों को शामिल किया गया था। योजना में शामिल होने के बाद उत्पाद का काफी विकास भी हुआ।  इस उत्पाद के उत्थान की सीमित संभावनाओं को देखते हुए गोरखपुर से एक और उत्पाद को इस सूची में शामिल कराने पर सहमति बनी। इसके लिए यहां की परिस्थितियों एवं संभावनाओं को देखते हुए रेडीमेड गारमेंट का चयन किया गया। ओडीओपी योजना में शामिल होने के बाद उत्पाद तैयार करने वाले लोगों को ऋण सहित कई सरकारी सुविधाओं का मिलना आसान हो जाता है। सीएफसी की स्थापना इस क्षेत्र में बड़ा कदम माना जाता है। टेराकोटा के लिए सीएफसी बनाने की मंजूरी मिल चुकी है। रेडीमेड गारमेंट की संभावनाओं को तलाशने के लिए अधिकारी यहां कार्यरत कई इकाइयों का दौरा भी कर चुके हैं। उत्पादन में जुटे लोगों से बातचीत के बाद यह स्पष्ट हुआ कि जल्द से जल्द यहां के लोगों के लिए सीएफसी स्थापित करना जरूरी है। इसकी जिम्मेदारी ओडीओपी का काम देखने वाली कंसलटेंसी फर्म को दी गई। फर्म ने स्थान चयन के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। पिपरौली क्षेत्र में रेडीमेड से जुड़ा अधिक काम होने के कारण वहां सीएफसी स्थापित करने की संभावना है। सर्वे कर फर्म यह बताएगी कि जिले में कहां-कहां इसे स्थापित करना उचित होगा।

होते हैं कई फायदे

सीएफसी से कई फायदे होते हैं। यहां अत्याधुनिक प्रशिक्षण की सुविधा मिलती है। बाजार में जो डिजाइन चलन में है, इसकी जानकारी मिलती है। विशेषज्ञों से समय-समय पर टिप्स मिलता रहता है। मशीनें उपलब्ध होती हैं और मार्केटिंग की सुविधा भी होती है। सीएफसी की स्थापना के साथ-साथ जिला उद्योग केंद्र रेडीमेड गारमेंट के उत्पादकों को बाजार उपलब्ध कराने पर भी काम करेगा। उपायुक्‍त आरके शर्मा का कहना है कि ओडीओपी को बढ़ावा देने के लिए सीएफसी की स्थापना की जाती है। फर्म के साथ मिलकर इसकी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। जल्द ही इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया जाएगा।

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