कोरोनाकाल में जाने वाले छात्रों की शासन ने मांगी रिपोर्ट Gorakhpur News

कोरोना के कारण मार्च से बंद चल रहे स्कूलों को शासन के निर्देश पर कोरोना गाइड लाइन के तहत 19 अक्टूबर से खोला गया। कक्षा नौ से बारहवीं तक के स्कूल आने वाले छात्रों के लिए अभिभावक से सहमति पत्र लाना अनिवार्य किया गया।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 10:50 AM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2020 06:12 PM (IST)
कोरोनाकाल में जाने वाले छात्रों की शासन ने मांगी रिपोर्ट Gorakhpur News
माध्‍यमिक शिक्षा परिषद का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। शासन ने कोरोनाकाल में स्कूल आने वाले कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति की रिपोर्ट मांगी है। यूपी बोर्ड के सचिव ने जिला विद्यालय निरीक्षकों से पिछले एक माह में स्कूल आने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। बोर्ड के निर्देश के बाद डीआइओएस कार्यालय स्कूलों से छात्रों की संख्या में जुटाने में जुट गया है।

अक्‍टूबर में ही खुले हैं विद्यालय

कोरोना के कारण मार्च से बंद चल रहे स्कूलों को शासन के निर्देश पर कोरोना गाइड लाइन के तहत 19 अक्टूबर से खोला गया। कक्षा नौ से बारहवीं तक के स्कूल आने वाले छात्रों के लिए अभिभावक से सहमति पत्र लाना अनिवार्य किया गया। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में तो छात्रों की संख्या बढ़ी, लेकिन शहरी क्षेत्रों में अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजन में कम रुचि दिखाई। अब जबकि केंद्र निर्धारण नीति जारी होने के बाद बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुट गया है। ऐसे में बोर्ड द्वारा मांगी गई जानकारी परीक्षा की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया ने बताया कि शासन ने कोरोनाकाल में स्कूल आने वाले कक्षा 9 से 12वीं के तक के छात्र-छात्राओं की संख्या फार्मेट पर मांगी है, जिसे तैयार किया जा रहा है। जल्द ही भेज दिया जाएगा।

कोरोना संकट में घट गए छह हजार परीक्षार्थी

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार छह हजार परीक्षार्थी कम बैठेंगे। कोरोना के कारण बोर्ड द्वारा तीन बार परीक्षाफार्म भरने की तिथि बढ़ाए जाने के बाद भी परीक्षार्थियों की संख्या में गिरावट आई है। हाईस्कूल की परीक्षा में 4809 और इंटर के लिए 1247 को लेकर कुल 6056 छात्र-छात्राओं ने कम फार्म भरे हैं। इनमें संस्थागत व व्यक्तिगत दोनों परीक्षार्थी शामिल हैं।

कोरोना के मद्देनजर इस बार तीन बार बोर्ड परीक्षा फार्म भरने की तिथि बढ़ाई जा चुकी है। बोर्ड ने चेतावनी भी दी थी कि यदि फार्म भरने से कोई छात्र छूट जाता है तो इसके लिए संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य जिम्मेदार होंगे।  

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