आज से खुलेेेेगा गोरखपुर विश्वविद्यालय, पचास फीसद कर्मचािरयों के साथ चलेंगी आनलाइन कक्षाएं

गोरखपुर विश्वविद्यालय में आनलाइन कक्षाओं के संचालन का सिलसिला 20 मई से एक बार फिर शुरू हो जाएगा। गाइडलाइन का पालन करते हुए संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षक भी आनलाइन कक्षाएं लेंगे। कर्मचारियों की उपस्थिति 50 फीसद रहेगी। इसके लिए रोस्टर बनाया जा रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 08:30 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 11:55 PM (IST)
आज से खुलेेेेगा गोरखपुर विश्वविद्यालय, पचास फीसद कर्मचािरयों के साथ चलेंगी आनलाइन कक्षाएं
गोरखपुर विश्वविद्यालय में बीस मई से आनलाइन कक्षाओं का संचालन शुरू होगा। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जेएनएन। शासन से मिली गाइडलाइन के मुताबिक दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आनलाइन कक्षाओं के संचालन का सिलसिला 20 मई से एक बार फिर शुरू हो जाएगा। गाइडलाइन का पालन करते हुए संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षक भी आनलाइन कक्षाएं लेंगे। कार्यालय में कर्मचारियों की मौजूदगी को लेकर निर्णय ले लिया गया है। कर्मचारियों की उपस्थिति 50 फीसद रहेगी। इसके लिए रोस्टर बनाया जा रहा है।

संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक भी लेंगे आनलाइन क्लास

विश्वविद्यालय के सभी विभागों में 20 मई से कामकाज शुरू कर दिया जाएगा। विभागों शिक्षकों की उपस्थिति का निर्णय कुलपति बहुत जल्द लेंगे। शासन की ओर से आनलाइन कक्षाओं के संचालन को लेकर गाइड लाइन मंगलवार को विश्वविद्यालय प्रशासन को प्राप्त हुई। गाइड लाइन मिलते ही उपपर अमल की प्रक्रिया तेज कर दी गई।

कर्मचारियों की मौजूदगी के लिए बनाए जाने वाले रोस्टर में विश्वविद्यालय प्रशासन की यह कोशिश होगी कि हर कर्मचारी को एक दिन के अंतराल पर ही बुलाया जाए। कुलसचिव डा. ओमप्रकाश ने बताया कि आनलाइन कक्षाओं का संचालन पहले तरह ही किया जाएगा। विभाग को खोले जाने और कार्यालय में कर्मचारियों की मौजूदगी को लेकर शासन की ओर से मिली गाइड लाइन का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

प्रमोट किए जा सकते हैं पहले वर्ष के विद्यार्थी

कोरोना संक्रमण को देखते हुए विद्यार्थियों को प्रमोट किए जाने को लेकर शासन की सक्रियता से विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों और विद्यार्थियों की सरगर्मी बढ़ गई है। सभी अपने-अपने स्तर से इसे लेकर जानकारी को पुख्ता करने में जुटे हुए हैं। इसके पीछे शासन का वह निर्देश है, जिसमें तीन कुलपतियों की एक कमेटी के गठन के बाद उन्हें विद्यार्थियों को प्रमोट किए जाने की संभावना पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। इस कमेटी में लखनऊ विश्वविद्यालय, छत्रपति साहूजी महाराज विवि कानपुर और रूहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति को शामिल किया गया है।

विवि में होगी 50 प्रतिशत कर्मचारियों की मौजूदगी, बनाया जा रहा रोस्टर

विद्यार्थियों को प्रमोट किए जाने को लेकर गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन और परीक्षा विभाग से भी सुझाव मांगा गया था। विश्वविद्यालय ने अपना सुझाव भेज दिया है। विश्वविद्यालय के परीक्षा कार्यालय के मुताबिक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट किया जा सकता है। दूसरे और तीसरे वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित करने का सुझाव कमेटी को दिया गया है।

इसके पीछे विश्वविद्यालय का तर्क यह है कि यह विद्यार्थी बीते वर्ष भी बिना परीक्षा के प्रमोट कर दिए गए थे। अगर इस वर्ष भी इनकी परीक्षा नहीं होगी तो मूल्यांकन में दिक्कत आएगी। अगर परीक्षा हुई तो मूल्यांकन का आधार क्या होगा, इसे लेकर अभी विश्वविद्यालय स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है। हालांकि इसे लेकर अंतिम निर्णय शासन स्तर पर ही लिया जाएगा। 

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