गोरखपुर विश्‍वविद्यालय की अब एनआइआरएफ रैंकिंग के टाप-50 में पहुुंचने की तैयारी

विश्वविद्यालय का लक्ष्य इस रैंकिंग में टाप-50 में स्थान बनाने का है। इसी क्रम में कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने रिसर्च क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए फंड जुटाने के लिए कार्य भी शुरू कर दिया है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 07:30 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 07:30 PM (IST)
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय की अब एनआइआरएफ रैंकिंग के टाप-50 में पहुुंचने की तैयारी
गोरखपुपर विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह की फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। क्यूएस वर्ल्‍ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (क्वाक्रैली सिमंड्स) में देश में 96वां रैंक हासिल करने से उत्साहित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब एनआइआरएफ रैंकिंग में बेहतर स्थान हासिल करने की तैयारी शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय का लक्ष्य इस रैंकिंग में टाप-50 में स्थान बनाने का है। इसी क्रम में कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने रिसर्च क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए फंड जुटाने के लिए कार्य भी शुरू कर दिया है। कुलपति ने बताया है कि वह इसके लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के साथ राज्यपाल को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय की इस विशेष उपलब्धि की जानकारी साझा करेंगे और रिसर्च के क्षेत्र में विशेष फंड उपलब्ध कराने की मांग भी करेंगे।

वर्ल्‍ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में स्‍थान पाने में यह है कारण

कुलपति ने बताया कि क्यूएस वर्ल्‍ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में बेहतर रैंक दिलाने में विवि की अकादमिक प्रतिष्ठा, नेशनल और इंटरनेशनल पब्लिकेशन की गुणवत्ता, उद्वरण (साईटेशन) और जर्नल इम्पैक्ट फैक्टर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब विश्वविद्यालय को आने वाले साल में एनआइआरएफ और क्यूएस की रैंकिंग में टाप-50 में स्थान मिल सके, इसका प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि क्यूएस में जो स्थान गोविवि को मिला है, वह आमतौर पर केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आइआइटी और राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों को मिलता है। ऐसा इसलिए कि उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से विभिन्न मदों में 50 करोड़ से ज्यादा की धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। जबकि राज्य विश्वविद्यालयों को ऐसा कोई विशेष फंड नहीं मिल पाता। गोरखपुर विश्वविद्यालय भी अब इसके लिए प्रयास करेगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को मिली सफलता से शिक्षकों से लेकर विद्यार्थियों तक में उत्साह का संचार हुआ है। इंटरनेट मीडिया पर दुनिया भर से बधाई मिल रही है।

क्यूएस में ऐसे मिलते हैं रैंकिंग के लिए अंक

अकादमिक प्रतिष्ठा (40 प्रतिशत), नियोक्ता प्रतिष्ठा(10 प्रतिशत), संकाय शिक्षक/छात्र अनुपात(20 प्रतिशत), प्रकाशन एवं उद्वरण (20 प्रतिशत), अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी अनुपात(5 प्रतिशत), अंतरराष्ट्रीय छात्र अनुपात (5 प्रतिशत) अंक प्रदान किए जाते हैं। कुलपति ने बताया कि इन सभी मानकों पर विवि काफी हद तक खरा उतरा है। ।

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