गोरखपुर में पुलिस ने मूर्तियां बनाने का काम रुकवाया, दुर्गा पूजा के लिए तैयार हो रही थीं मूर्तियां Gorakhpur News
गोरखपुर में पुलिस ने दुर्गा पूजा के लिए मूर्ति बनाने का काम रोकवा दिया। वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मूर्ति बनाने का काम दाेेेेेेबारा शुरू हुआ।
गोरखपुर, जेएनएन। दुर्गा पूजा के मद्देनजर छोटी मूर्तियां बनाकर अपनी आजीविका का इंतजाम करने वाले मूर्तिकारों पर पुलिस की मनमानी भारी पड़ रही है। बिना उच्च अधिकारियों के आदेश के ही थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज के स्तर से मूर्तिकारों को धमकाकर काम बंद कराया जा रहा है। राजघाट एसओ ने नार्मल में काम रुकवा दिया। सुबह मूर्तिकारों ने सीओ कोतवाली से बात की तो उन्होंने मूर्ति निर्माण पर कोई रोक न होने की बात कही। उसके बाद डरते-डरते ही सही मूर्ति बनाने का काम दोबारा शुरू हो सका।
15 दिन पहले भी रोका था काम
करीब 15 दिन पहले कोतवाली थानाक्षेत्र में पुलिस ने मूर्तिकारों को मूर्ति बनाने से रोक दिया गया था। इस समस्या को लेकर दैनिक जागरण ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन एवं सीओ कोतवाली वीपी सिंह ने किसी प्रकार की रोक होने से इनकार किया था। उसके बाद मूर्ति बनाने का काम शुरू हुआ। पर, शुक्रवार की रात राजघाट एसओ ने नार्मल में मूर्तिकारों के पास जाकर काम बंद करा दिया और अनुमति दिखाने को कहा। ऐसा न करने पर सारी मूर्तियां उठवा लेने की धमकी दी। डरे मूर्तिकारों ने सीओ की बात का हवाला दिया लेकिन उन्होंने मानने से इनकार कर दिया। रात में ही यह बात बक्शीपुर सहित अन्य क्षेत्रों के मूर्तिकारों तक भी पहुंच गई और डर के कारण सभी ने निर्माण रोक दिया।
सीओ के हस्तक्षेप के बाद शुरू हुआ काम
इसके बाद सुबह मूर्तिकारों ने सीओ कोतवाली तक यह बात पहुंचाई तो उन्होंने कोई रोक न होने की बात कही। दोपहर बाद मूर्ति बनाने का काम शुरू हुआ। मूर्तिकार बच्चा सिंह ने बताया कि कोविड 19 के कारण उनकी आमदनी पहले से प्रभावित है। घर में रखने योग्य कुछ छोटी मूर्तियों के ऑर्डर मिले हैं, उसी से कुछ आय की संभावना है लेकिन समय-समय पर इसे भी रोक दिया जा रहा है।
प्रशासन ने कहा, मूर्ति बनाने पर नहीं है रोक
गोरखपुर के एडीएम सिटी आरके श्रीवास्तव ने कहा कि कोटमूर्ति बनाने पर किसी प्रकार की रोक नहीं है। प्रशासन के स्तर से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है। प्रतिमा स्थापित करने को लेकर अभी कोई दिशा-निर्देश नहीं आया है।