Gorakhpur Festival: रेडीमेड गारमेंट के मामले में बांग्लादेश को टक्कर देने में गोरखपुर ही काफी, जरूरत सिर्फ आधुनिक तकनीक की

शुरू से नोएडा तिरुपुर कोलकाता आदि गारमेंट के बड़े केंद्र थे। पर इस समय जो चार-पांच केंद्र उभर रहे हैं उनमें गोरखपुर भी शामिल है। यहां कपड़ा बनाया जाता है धागा बनाने की भी फैक्ट्रियां हैं। पावरलूम भी हैं। पहले से ही यहां गारमेंट का वातावरण बना हुआ है।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 02:57 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 07:23 PM (IST)
Gorakhpur Festival: रेडीमेड गारमेंट के मामले में बांग्लादेश को टक्कर देने में गोरखपुर ही काफी, जरूरत सिर्फ आधुनिक तकनीक की
कार्यक्रम को संबोधित करते नार्दन इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन (निट्रा) के असिस्टेंट डायरेक्टर विवेक अग्रवाल।

गोरखपुर, जेएनएन। रेडीमेड गारमेंट को बढ़ावा देने के लिए गोरखपुर में अपार संभावनाएं हैं। यहां कच्‍चा माल उपलब्ध है, जमीन है, बिजली है और सबसे अधिक कुशल श्रमिक भी यहां हैं। जरूरत है आधुनिकतम तकनीक को अपनाने की। तकनीक को अपनाकर यह जिला रेडीमेड गारमेंट के मामले में बांग्लादेश को भी टक्कर दे सकता है। यह बातें नार्दन इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन (निट्रा) के असिस्टेंट डायरेक्टर विवेक अग्रवाल ने कहीं। विवेक गोरखपुर महोत्सव के तहत चैंबर आफ इंडस्ट्रीज एवं गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सेमिनार के प्रथम सत्र को संबोधित कर रहे थे।

एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल रेडीमेड गारमेंट को बढ़ावा देने के लिए आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शुरू से नोएडा, तिरुपुर, कोलकाता आदि गारमेंट के बड़े केंद्र थे। पर, इस समय जो चार-पांच केंद्र उभर रहे हैं, उनमें गोरखपुर भी शामिल है। यहां कपड़ा बनाया जाता है, धागा बनाने की भी फैक्ट्रियां हैं। पावरलूम भी हैं। इस तरह पहले से ही यहां गारमेंट का वातावरण बना हुआ है। ओडीओपी में शामिल होने के बाद सरकार की ओर से भी पूरा प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि निर्यात के लिए जरूरी है कि अपने उत्पाद की कीमत भी कम रखी जाए। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जो टी शर्ट अन्य देश चार डालर में निर्यात करते हैं, उसे बांग्लादेश 3.5 डालर में दे देगा। कीमत में मामूली अंतर से खरीदार उत्पादकों को बदलने में नहीं हिचकते। उत्पाद की कीमत तभी कम रख पाएंगे, जब लागत कम होगी। लागत कम होने के लिए जरूरी है कि उत्पादन बढ़ाया जाए और इसके लिए आटोमेटिक मशीनों की जरूरत पड़ेगी।

निट्रा से प्रशिक्षण लेने वालों में से 50 फीसद लोग पूर्वांचल के

उन्होंने कहा कि निट्रा से प्रशिक्षण लेने वालों में से 50 फीसद लोग पूर्वांचल के रहने वाले हैं। गारमेंट के बाजार की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश के भीतर प्रतिवर्ष 100 बिलियन डालर का कारोबार होता है। इसमें काटन गारमेंट का हिस्सा 58 फीसद है जबकि सिंथेटिक का हिस्सा 23 फीसद है। जापानी कंपनी जुकी के रीजनल मैनेजर बसंत दुकलन ने उपस्थित उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि रेडीमेड गारमेंट को बढ़ावा देने के लिए और बेहतर उत्पाद तैयार करने के लिए आटोमेटिक मशीनें उपलब्ध हैं। शर्ट-टी शर्ट, कोट, सीट कवर, एयरबैग बनाने से लेकर हर तरह के उत्पाद तैयार हो सकते हैं। मैनुअल की तुलना में इन मशीनों से अधिक उत्पादन होता है। उन्होंने मशीनों से गारमेंट तैयार करने का वीडियो भी दिखाया।

रैमसन कंपनी के मनीष माथुर ने कहा कि गारमेंट के लिए धुलाई एवं आयरन महत्वपूर्ण है। इसके लिए बड़ी-बड़ी मशीनें आ गई हैं। 25 लाख रुपये में एक इकाई आसानी से शुरू की जा सकती है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में इसकी बड़ी संभावना है। उन्होंने कहा कि 10 से 12 लाख रुपये में फिनिशिंग मशीन मिल जाती है। क्वालिटी कंट्रोल विशेषज्ञ विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि किसी भी उत्पाद के निर्यात के लिए उसका आइएसओ सर्टिफिकेशन बहुत जरूरी होता है। विदेश में रा मैटेरियल से लेकर फिनिशिंग इक्यूपमेंट तक प्रदूषण मुक्त  होना जरूरी है। ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति रेडीमेड गारमेंट का निर्यात करना चाहता है तो

उसे किसी मान्यता प्राप्त एजेंसी से प्रमाण पत्र ले लेना चाहिए।

गारमेंट पार्क के लिए मिलेगी जमीन : सीईओ

सेमिनार को संबोधित करते हुए सीईओ गीडा संजीव रंजन ने कहा कि रेडीमेड गारमेंट को बढ़ावा देने के लिए गारमेंट पार्क के लिए जमीन भीटी रावत में मिल सकती है। उद्यमियों की ओर से रुचि दिखायी गई है, पार्क के लिए जरूरी तैयारियां पूरी की जाएंगी। जमीन की कमी किसी भी दशा में नहीं होनी चाहिए। इस उत्पाद को लेकर यहां के उद्यमियों में काफी उत्साह है। इससे पूर्व चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने सेमिनार के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि गारमेंट पार्क में इकाई स्थापित करने के लिए करीब 150 लोगों ने रुचि दिखायी है। इस दौरान उपायुक्त उद्योग आरके शर्मा, उद्यमी ज्योति मस्करा, धीरज मस्करा, प्रवीण मोदी, आरएन ङ्क्षसह, सनूप साहू, आकाश जालान आदि उपस्थित रहे।

लगी वस्त्रों की प्रदर्शनी

सेमिनार स्थल पर गोरखपुर में रेडीमेड गारमेंट का उत्पादन करने वाले लोगों ने उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी थी। बाहर से आए विशेषज्ञों ने इन उत्पादों को खूब सराहा। 480 रुपये में जींस, करीब 200 रुपये में शर्ट, ट्राउजर आदि उत्पादों की ओर लोग आकर्षित हुए।

सेमिनार से निकले सुझाव मुख्यमंत्री को सौंपेंगे उद्यमी

रेडीमेड गारमेंट के सेमिनार से निकले सुझावों को उद्यमी बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपेंगे। चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें सुझावों की बुकलेट सौंपी जाएगी और रेडीमेड गारमेंट के लिए इन सुझावों को अमल में लाने की अपील भी होगी।

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