बदलेगी गोरखपुर की बिजली व्यवस्था, शासन ने मंजूर किए 78 करोड़ रुपये Gorakhpur News
गोरखपुर शहर की बिजली व्यवस्था बदलने जा रही है। 77.97 करोड़ रुपये में उपकेंद्र का निर्माण होगा। इसमें से 12.64 करोड़ रुपये बरहुआ से खोराबार उपकेंद्र तक नई लाइन बनाने में खर्च होंगे। इस लाइन की लंबाई तकरीबन आठ किलोमीटर होगी।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के खोराबार में शहर के पहले 220 केवी पारेषण उपकेंद्र के लिए बजट को मंजूरी मिल गई है। पूर्वांचल में पहली बार गैस इंसुलेटेड सब स्टेशन (जीआइएस) बनेगा। जीआइएस उपकेंद्र कम जगह में बनाया जाता है। 77.97 करोड़ रुपये में उपकेंद्र का निर्माण होगा। इसमें से 12.64 करोड़ रुपये बरहुआ से खोराबार उपकेंद्र तक नई लाइन बनाने में खर्च होंगे। इस लाइन की लंबाई तकरीबन आठ किलोमीटर होगी। इस पारेषण केंद्र के तैयार होने से शहर के उपभोक्ताओं को फायदा होगा। ओवरलोड होने के बाद भी ट्रांसफर्मर फुकेंगे नहीं और लोगों को निर्वाध बिजली मिलेगी।
पूर्वांचल का पहला जीआइएस उपकेंद्र होगा, बरहुआ से बनेगी लाइन
शहर में लगातार बिजली की मांग बढ़ती जा रही है। अभी 132 केवी पारेषण उपकेंद्र फर्टिलाइजर, 220 केवी पारेषण उपकेंद्र बरहुआ और 400 केवी पारेषण उपकेंद्र मोतीराम अड्डा से शहर को आपूर्ति दी जाती है। फर्टिलाइजर से सूरजकुंड, दुर्गाबाड़ी, इंडस्ट्रियल इस्टेट उपकेंद्र जुड़े हुए हैं। बरहुआ से शहर के रुस्तमपुर, रानीबाग, लालडिग्गी और नार्मल उपकेंद्र जुड़े हैं। मोतीराम अड्डा से खोराबार और ग्रामीण के उपकेंद्रों को आपूर्ति दी जाती है। इसके अलावा गोला बाजार में पिछले साल 220 केवी पारेषण उपकेंद्र से आपूर्ति शुरू की गई है। शहर की बढ़ती मांग को देखते हुए काफी समय पारेषण उपकेंद्र की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बिजली निगम ने खोराबार में पारेषण उपकेंद्र की स्थापना का प्रस्ताव बनाया था। जगह को लेकर कुछ दिनों तक मामला फंसा रहा लेकिन अब जगह का भी संकट खत्म हो गया है।
180 एमवीए होगी क्षमता
खोराबार पारेषण उपकेंद्र में 60-60 एमवीए के तीन पावर ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। इससे शहर के 12 से ज्यादा उपकेंद्रों को सीधे आपूर्ति दी जाएगी। उपकेंद्र शुरू होने के बाद बरहुआ और मोतीराम अड्डा पारेषण उपकेंद्रों का भार भी कम होगा। भविष्य में उपकेंद्र की क्षमता भी बढ़ाई जा सकेगी।
लगातार बढ़ रही है मांग
शहर में कई माल, चिडिय़ाघर, होटल और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के खुलने के कारण बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए दिव्यनगर, बिछिया और शाहपुर में 33 केवी के नए उपकेंद्रों की स्थापना का काम भी शुरू हो गया है। अभी शहर को 24 उपकेंद्रों से आपूर्ति दी जाती है। तीन नए उपकेंद्र बनने के बाद इनकी संख्या 27 हो जाएगी।