बांसफोड़ के घर भोजन व रात्रि विश्राम करेंगे कथावाचक मोरारी बापू Gorakhpur News

कुशीनगर में श्रीराम कथा की अमृत वर्षा करने आ रहे प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू बांसफोड़ के घर भोजन कर रात्रि विश्राम करेंगे। यह कार्यक्रम मोरारी बापू आने पर स्वयं तय करेंगे। कथा 23 जनवरी से शुरू होकर 31 जनवरी को समाप्त होगी।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 09:50 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 09:50 AM (IST)
बांसफोड़ के घर भोजन व रात्रि विश्राम करेंगे कथावाचक मोरारी बापू Gorakhpur News
कुशीनगर में कथा सुनाने आ रहे मोरारी बापू।

गोरखपुर, जेएनएन : कुशीनगर में श्रीराम कथा की अमृत वर्षा करने आ रहे प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू बांसफोड़ के घर भोजन कर रात्रि विश्राम करेंगे। यह कार्यक्रम मोरारी बापू आने पर स्वयं तय करेंगे। कथा 23 जनवरी से शुरू होकर 31 जनवरी को समाप्त होगी। मोरारी बापू बीस सीटर चार्टर प्लेन से 23 जनवरी को सुबह गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचेगे। वहां से गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करने के बाद सड़क मार्ग से कुशीनगर जाएंगे। कथा समाप्ति के पश्चात वह कुशीनगर एयरपोर्ट से अगले गंतव्य के लिए प्रस्थान करेंगे। तब तक उनका विमान कुशीनगर एयरपोर्ट के एप्रन पर रहेगा। कथा श्रवण के लिए 500 पास फोल्डर जारी किए जा रहे हैं। कुशीनगर जिले में कुल 100 लोगों को, 150 पास प्रदेश व 250 पास देश के कई शहरों से आने वाले लोगों को जारी किए जाएंगे। श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए कुशीनगर के विभिन्न होटलों में व्यवस्था की गई है। खान-पान की व्यवस्था के लिए नामी गिरामी कैटरर्स बुलाए गए हैं।

मिलेगी बंगाल की मिठाई व दक्षिण भारतीय व्यंजन

कार्यक्रम में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए बंगाल की मिठाई व दक्षिणी भारतीय व्यंजन परोसे जाएंगे। इसके लिए विशेष कुक, खानसामा व कारीगर बुलाए गए हैं। श्रद्धालु कथा अनुश्रवण के साथ मिष्टी दोई, संदेश व रसगुल्ला की विभिन्न वेराइटी के अलावा दक्षिण भारत व्यंजन इडली, सांभर, डोसा आदि व्यंजन का भी लुत्फ उठाएंगे।

होगा लाइव प्रसारण

नौ  दिवसीय कथा का नियमित लाइव प्रसारण आस्था चैनल पर होगा। इसके अतिरिक्त अन्य कई चैनल भी कथा का प्रसारण करेंगे। कथा स्थल पर व्यवस्था की देखरेख कर रहे स्थानीय प्रतिनिधि सुमित त्रिपाठी व विक्रम अग्रवाल ने व्यवस्था संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण पांडाल में सीमित श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की गई है। सीटिंग प्‍लान छह फीट की दूरी के मानक को ध्यान में रखकर किया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लाइव प्रसारण सुनिश्चित किया गया है।

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