आज से रेडियो पर फिर गूंजेगा 'ये आकाशवाणी का गोरखपुर केंद्र है'

गोरखपुर के जनप्रतिनिधियों की मेहनत रंग लाई और देर रात आकाशवाणी गोरखपुर के ट्रांसमीटर को फिर से शुरू करने का निर्देश आ गया। जिस ट्रांसमीटर को फिर से शुरू करने का निर्देश आया है उसे मूल ट्रांसमीटर के जर्जर होने के बाद 2018 में लगाया गया था।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 06:30 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 09:57 AM (IST)
आज से रेडियो पर फिर गूंजेगा 'ये आकाशवाणी का गोरखपुर केंद्र है'
आकाशवाणी गोरखपुर केंद्र का कार्यालय। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। आकाशवाणी के मीडियम वेब ट्रांसमीटर के बंद किए जाने से दुखी लोगों के लिए यह बड़ी खुशखबरी है। ट्रांसमीटर मंगलवार की सुबह से एक बार फिर शुरू हो जाएगा। यानी श्रोता एक बार फिर से रेडियो सेट पर सुन सकेंगे- 0303.03 मीटर यानी 909 किलो हर्टज पर ये आकाशवाणी का गोरखपुर केंद्र है'। 10 किलोवाटर के मोबाइल ट्रांसमीटर से प्रसारण शुरू करने की महानिदेशालय की हरी झंडी देर रात स्थानीय अधिकारियों को मिली। महानिदेशालय के निर्देश पर ही पिछली 21 नवंबर को 11 बजे दिन में ट्रांसमीटर पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। हालांकि ट्रांसमीटर बंदी के दौरान भी प्रसार भारती के एप के माध्यम से कार्यक्रमों का प्रसारण जारी रहा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रसार भारती के सीईओ से बात की

प्रसारण एक बार फिर से शुरू किए जाने को लेकर सोमवार को जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और उनके सचिव सुनील शुक्ल के अलावा प्रसार भारती के सीईओ से बात की थी। वहीं सांसद रवि किशन ने प्रकाश जावड़ेकर से नई दिल्ली में मुलाकात कर ट्रांसमीटर शुरू करने का आश्वासन लिया था। सपा नेता काली शंकर ने इस बाबत महानिदेशक को पत्र लिखा था तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर बाकायदा धरना-प्रदर्शन किया था। 

रंग लाई जनप्रतिनिधियों की मेहनत, देर रात मिली मोबाइल ट्रांसमीटर चालू करने की हरी झंडी 

जनप्रतिनिधियों की मेहनत रंग लाई और देर रात ट्रांसमीटर को फिर से शुरू करने का मौखिक निर्देश निदेशालय से आ गया। जिस मोबाइल ट्रांसमीटर को फिर से शुरू करने का निर्देश आया है, उसे मूल ट्रांसमीटर के जर्जर होने के बाद जून 2018 में महानिदेशालय द्वारा गोरखपुर भेजा गया था। तबसे 21 नवंबर 2020 तक उसी से प्रसारण का सिलसिला चल रहा था। 

कांग्रेस ने भी जताया था विरोध 

आकाशवाणी केंद्र को बंद करने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को महानगर अध्यक्ष आशुतोष तिवारी की अगुवाई में आकाशवाणी केंद्र के परिसर में धरना-प्रदर्शन कर केंद्र को दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सहायक अभियंता केके श्रीवास्तव को सौंपा था। महानगर अध्यक्ष ने कहा था कि जब तक आकाशवाणी को दोबारा चालू नहीं किया जाता तब तक जनता के साथ मिलकर लड़ाई जारी रहेगी। 

अफसरों ने छिपाई समस्या वरना बंद नहीं होता ट्रांसमीटर: शिव प्रताप

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा के मुख्य सचेतक शिव प्रताप शुक्ल आकाशवाणी के अफसरों से इस बात को लेकर खफा हैं कि उन्होंने ट्रांसमीटर के बंद होने की बात उन्हें पहले क्यों नहीं बताई। पूर्व मंत्री का कहना है कि यदि यह बात उन्हें पहले पता चली होती तो किसी हाल में ट्रांसमीटर के बंद होने की स्थिति आने नहीं देते। 

आकाशवाणी के लिए जावड़ेकर से मिले सांसद रवि किशन

आकाशवाणी का मीडियम वेब ट्रांसमीटर बंद होने और इसे लेकर श्रोताओं और कलाकारों के दुखी होने से आहत सांसद रवि किशन ने सोमवार को नई दिल्ली में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान उन्होंने जावड़ेकर को बताया कि ट्रांसमीटर बंद होने से पूर्वांचल के कलाकार और श्रोता दुखी और परेशान हैं। जावड़ेकर ने पहले सांसद की बातों को गंभीरता से सुना और फिर यह आश्वासन दिया कि आकाशवाणी गोरखपुर को किसी भी स्थिति में बंद नहीं होने दिया जाएगा। सांसद ने बताया कि मंत्री उन्हें यह भी आश्वस्त किया है कि किसी कलाकार और कर्मचारी के सामने रोजागर का संकट नहीं आने दिया जाएगा। सांसद ने पिछले दिनों इसे लेकर आकाशवाणी के अधिकारियों से बातचीत की थी और ट्रांसमीटर बंद होने की वजह पर चर्चा की थी। उन्होंने प्रसार भारती के सीईओ से बात कर आकाशवाणी गोरखपुर की समस्या से अवगत कराया था। 

सपा नेता ने लगाया आकाशवाणी में बड़े घोटाले का आरोप

सपा नेता काली शंकर का कहना है कि आकाशवाणी में बड़ा घोटाला हुआ है, जिसकी वजह से उसके मीडियम वेब ट्रांसमीटर के बंद होने की नौबत आई है। उन्होंने बताया कि इस घोटाले की बात आकाशवाणी के केंद्राध्यक्ष राहुल ङ्क्षसह ने खुद उनसे बातचीत में स्वीकारी है। काली शंकर ने बताया कि केंद्राध्यक्ष के मुताबिक पहले के अधिकारियों ने करोड़ों का घोटाला किया है। साथ ही ट्रांसमीटर के जर्जर होने और उससे प्रसारण प्रभावित होने की बात उच्चाधिकारियों से छिपाई है। कार्यक्रम सुनाई न देने पर भी प्रसारित होने की रिपोर्ट उच्चाधिकारी को भेजी गई। सपा नेता के मुताबिक केंद्राध्यक्ष ने उन्हें यह भी बताया कि इस मामले की जांच हो चुकी है और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई भी की गई है। अगर ट्रांसमीटर की वास्तविक स्थिति से उच्चाधिकारियों को समय से अवगत कराया गया होता तो ट्रांसमीटर कभी बंद नहीं होता। सपा नेता मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग उठाई है। इसे लेकर उन्होंने महानिदेशक आकाशवाणी को पत्र भेजा है। पत्र में उन्होंने आकाशवाणी के मीडियम वेब ट्रांसमीटर को जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की है।

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