फिर खुलेगी भाजपा नेता छोटू सिंह हत्याकांड की फाइल, फिल्मी अंदाज ताबड़तोड़ गोली मारकर हुई थी हत्या
गोरखपुर के भाजपा नेता छोटू सिंह हत्याकांड की फाइल पुलिस फिर खोलने जा रही है। पुरानी रंजिश में बदमाशों ने गुलरिहा के शिवपुर-सहबाजगंज संगम चौराहा निवासी बिजेंद्र सिंह उर्फ छोटू सिंह की फिल्मी स्टाइल में कार्बाइन और पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर दी थी।
गोरखपुर, जेएनएन। शाहपुर के शिवपुर-सहबाजगंज में हुई प्रापर्टी डीलर छोटू सिंह की फिर से जांच होगी। एसएसपी के निर्देश पर मातहत मुकदमे से जुड़ी फाइल ढूंढ रहे हैं। बताया जा रहा है कि सात साल पुराने मुकदमे की फाइल गायब हो गई है। छोटू सिंह की पत्नी ने माफिया व पिपरौली के निवर्तमान ब्लाक प्रमुख सुधीर सिंह उसके भाई उदयवीर समेत 10 लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था।
10 नवंबर 2013 को पुरानी रंजिश में बदमाशों ने गुलरिहा के शिवपुर-सहबाजगंज, संगम चौराहा निवासी बिजेंद्र सिंह उर्फ छोटू सिंह की कार्बाइन और पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर दी थी।
ऐसे हुई थी हत्या
ब्रह्मभोज में पहुंचे छोटू सिंह पर अचानक बदमाशों ने फिल्मी अंदाज में गोलियां दागी थीं जिसमें चार अन्य लोग घायल हुए थे। छोटू सिंह की पत्नी ने सुधीर सिंह, उसके भाई उदयवीर सिंह सहित 10 लोगों पर केस दर्ज कराया। तब पुलिस ने सुधीर सिंह के नजदीकी रिश्तेदार को गिरफ्तार कर घटना में इस्तेमाल हुई कार बरामद की थी। सात साल बाद छोटू सिंह प्रकरण का भूत फिर निकला है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि इससे संबंधित पत्रावली की तलाश की गई तो वह गायब मिली। इस प्रकरण में तीन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी। किन परिस्थितियों में मुकदमे की फाइल गायब हुई इसकी भी जांच हो रही है।
देवरिया ट्रांसफर हो गई थी विवेचना
घटना के कुछ दिन बाद ही छोटू सिंह हत्याकांड की विवेचना देवरिया जिले में ट्रांसफर हो गई।देवरिया क्राइम ब्रांच में के दारोगा ने सुधीर सिंह सहित चार को क्लीनचिट दे दिया।जानकारी होने पर तत्कालीन एसएसपी आरके भारद्वाज ने डीआइजी व आइजी को पत्र लिखकर मामले की दोबारा जांच कराने की मांग की।तब सामने आया कि गवाह अपने बयान से मुकर गए हैं।विवेचक ने वादी के समझौता करने का हवाला देते हुए सुधीर सिंह का नाम बाहर कर दिया।
बिजेंद्र सिंह उर्फ छोटू सिंह का हत्याकांड की फिर से जांच होगी। विवेचना की पत्रावली गायब हो गई है। इसके पीछे कौन है इस बात की भी जांच कराई जा रही है। - दिनेश कुमार पी, एसएसपी, गोरखपुर।