मुरादनगर हादसा से सबक, अब गीडा में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर रहेगी नजर
आमतौर पर निर्माण कार्यों में इस बात की शिकायत आती है कि ठीकेदार द्वारा सही मात्रा में बालू व सीमेंट नहीं मिलाया जा रहा है। इन सामग्रियों की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल किए जाते हैं। गुणवत्ता जांचने के लिए कोई सुविधा नहीं थी।
गोरखपुर, जेएनएन। मुरादनगर की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है और साथ ही घटिया निर्माण कार्यों की पोल भी खुली है। इस तरह की घटनाओं की आशंका को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए ही गीडा ने मैटेरियल टेस्टिंग लैब की स्थापना की है। यहां निर्माण कार्यों में प्रयोग होने वाली सामग्री की पूरी जांच हो जाती है, जिससे गुणवत्ता कायम रखने में मदद मिलती है।
निर्माण की गुणवत्ता पर होते रहे सवाल
आमतौर पर निर्माण कार्यों में इस बात की शिकायत आती है कि ठीकेदार द्वारा सही मात्रा में बालू व सीमेंट नहीं मिलाया जा रहा है। इन सामग्रियों की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल किए जाते हैं। गीडा में यूं तो निर्माण कार्यों की जांच के लिए थर्ड पार्टी के रूप में रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनामिक सर्विस (राइट्स) के साथ अनुबंध किया गया है। लेकिन निर्माण कार्यों में प्रयोग होने वाली सामग्री की गुणवत्ता जांचने के लिए कोई सुविधा नहीं थी।
गीडा के साइट कार्यालय पर लैब की हुई है स्थापना
किसी शिकायत पर सामग्री को बाहर टेस्टिंग लैब में भेजना पड़ता था। इस समस्या के निराकरण के लिए गीडा प्रबंधन ने सेक्टर 13 के साइट कार्यालय पर इस लैब की स्थापना कर ली है। निर्माण कार्यों की औचक जांच कर वहां से सामग्री लेकर औचक जांच करा ली जाती है। लैब में यह भी पता चल जाता है कि निर्माण के लिए तैयार मसाले में सीमेंट एवं बालू का अनुपात क्या है। सड़क निर्माण से जुड़ी सामग्रियों की गुणवत्ता की जांच भी यहां हो जाती है। कच्चे माल के रूप में रखे बालू, सीमेंट की गुणवत्ता की जांच भी यहां हो जाती है। निर्माण होते समय सैंपल लेकर भी जांच करायी जाती है।
मुरादनगर की घटना के बाद बढ़ी सख्ती
मुरादनगर की घटना के बाद से गीडा प्रबंधन ने सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर सख्ती और बढ़ा दी है। नियमित रूप से जांच कर गुणवत्ता चेक की जा रही है। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई का आदेश भी दिया गया है। गीडा के सीईओ संजीव रंजन का कहना है कि गीडा के सेक्टर 13 में मैटेरियल टेस्टिंग लैब की स्थापना की गई है। पहले सामग्री की गुणवत्ता जांचने के लिए उसे बाहर भेजना पड़ता था लेकिल लैब स्थापित हो जाने से यहीं हर प्रकार की जांच हो जाती है।