गीडा को मिला अधिकार, जरूरत के अनुसार खुद खरीद सकेगा जमीन Gorakhpur News
नोएडा ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में जमीन क्रय करने का अधिकार पहले से ही वहां के सीईओ को है लेकिन गीडा में यह व्यवस्था लागू नहीं थी।
गोरखपुर, जेएनएन। गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) को अब लैंड बैंक तैयार करने या किसी उद्योग के लिए जमीन देने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की अनुमति का इंतजार नहीं करना होगा। शासन ने प्राधिकरण को अपनी जरूरत के अनुसार जमीन क्रय करने का अधिकार दे दिया है। गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) की अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति किसानों से बातचीत, जमीन की कीमत तय करने व क्रय करने का अधिकार रखेगी। प्राधिकरण अब नई जमीनें इसी नियम के तहत अधिग्रहित करेगा।
पहले नहीं था अधिकार
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में जमीन क्रय करने का अधिकार पहले से ही वहां के सीईओ को है लेकिन गीडा में यह व्यवस्था लागू नहीं थी। यहां जमीन के लिए जिलाधिकारी पर ही निर्भर रहना पड़ता था। यह प्रक्रिया लंबी होने के कारण प्राधिकरण को समय से जमीन उपलब्ध नहीं हो पाती थी। शासन में अधिकारियों के साथ बैठक में गीडा सीईओ संजीव रंजन ने यह मामला उठाया था, जिसके बाद गीडा को भी अन्य औद्योगिक विकास प्राधिकारणों की तरह जमीन खरीदने का अधिकार दे दिया गया है। प्राधिकरण जरूरत के अनुसार अब किसानों से सीधे बात कर सकेगा और कीमत तय कर जमीन खरीद सकेगा। उद्योगों को समय से जमीन उपलब्ध कराने में आसानी होगी। गैलेंट समूह के विस्तार के लिए जरूर जमीन को क्रय करने के लिए गीडा ने किसानों से बातचीत शुरू भी कर दी है।
समिति में ये होंगे शामिल
जमीन अधिग्रहण के लिए गठित समिति में गीडा सीईओ अध्यक्ष होंगे। जिलाधिकारी द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी स्तर का अधिकारी, संबंधित तहसील के उपजिलाधिकारी, जिले के उप निबन्धक स्तर के अधिकारी, क्रय निकाय के वित्त नियंत्रक, सम्बंधित तहसीलदार सदस्य के रूप में शामिल होंगे। क्रय निकाय (गीडा) के भूलेख विभाग के प्रभारी या अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। गीडा के सीईओ संजीव रंजन का कहना है कि जमीन खरीदने का अधिकार सीईओ स्तर पर दे दिया गया है। अन्य औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में यह व्यवस्था पहले से थी। इससे जमीन खरीदने में आसानी होगी।