पंजीकरण कराकर भूल जाने वालों की संपत्ति का आवंटन निरस्त करेगा जीडीए, बन रही सूची Gorakhpur News
गोरखपुर विकास प्राधिकरण पंजीकरण कराकर भूल जाने वालों की आवंटियों की संपत्ति का आवंटन निरस्त करेगा। इसकी तैयारी शुरू हो गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। जीडीए (गोरखपुर विकास प्राधिकरण) ऐसे लोगों की संपत्तियों का आवंटन निरस्त करने की तैयारी कर रहा है, जो पंजीकरण कराने के बाद किस्तें जमा करना भूल गए। कई वर्षों से लोगों के पास संपत्तियां हैं, लेकिन न तो जीडीए के पास उसका पैसा आ रहा है और न ही वे संपत्तियां रिक्त मानी जा रही हैं। निरस्तीकरण की प्रक्रिया के बाद प्राधिकरण उन संपत्तियों की नीलामी कर सकेगा, जिससे मकान या व्यावसायिक भूखंड की तलाश कर रहे लोगों को फायदा होगा। जीडीए ने ऐसे लोगों की सूची बनानी शुरू कर दी है। दो सप्ताह में सूची तैयार हो जाएगी, आवंटन बचाने के लिए इसी दो सप्ताह का समय भी होगा। इस बीच वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) योजना के तहत बकाया जमा कर आवंटन बचाया जा सकेगा।
निरस्त संपत्तियों को नीलाम करेगा प्राधिकरण, नए लोगों को मिल सकेगा मौका
शासन ने डिफाल्टर आवंटियों के दंड ब्याज में छूट का लाभ देने के लिए ओटीएस योजना लांच की है। इसके तहत 30 सितम्बर तक आवेदन किए जा सकते हैं। जीडीए में भी इस योजना के तहत बकाएदारों को मौका दिया गया है। पर अभी तक केवल 171 ने पंजीकरण कराया है और 64 ने बकाया जमा किया है। जबकि 667 लोगों के किस्त जमा करने को समय सीमा समाप्त हो चुकी है। प्राधिकरण ने नोटिस के जरिए एवं व्यक्तिगत रूप से फोन कर योजना का लाभ लेते हुए बकाया जमा करने को कहा है लेकिन बकाएदार इसमें रुचि नहीं दिखा रहे। वसूली के लिए आरसी जारी करने का प्रावधान भी है लेकिन उससे पहले आवंटन निरस्त करने पर विचार चल रहा है। प्राधिकरण का मानना है कि बकाएदारों के पास संपत्तियां फंसी पड़ी हैं। अब आवंटन निरस्त करना उचित होगा। करीब 700 लोग इस दायरे में आएंगे। अमरावती कुंज आवासीय योजना जैसी महत्वपूर्ण योजना में भी आवास इसी तरह फंसे हैं। उस समय आवास या व्यावसायिक भूखण्ड पाने वालों ने केवल पंजीकरण धनराशि जमा की, उसके बाद किस्त नहीं दी। आवंटन निरस्त हो जाने के बाद इन संपत्तियों को नीलाम किया जाएगा।
ओटीएस योजना के तहत बकाए का भुगतान करने पर दंड ब्याज के छूट का लाभ मिलता है। बकाएदारों को इसका लाभ लेना चाहिए। जिन लोगों ने पंजीकरण कराने के बाद भुगतान नहीं किया है, यदि दो सप्ताह में योजना के तहत भुगतान नहीं करते तो उनकी संपत्तियां निरस्त कर दी जाएंगी। - अनुज सिंह, उपाध्यक्ष जीडीए।