अवैध निर्माण पर सख्त हुआ जीडीए, गोरखपुर में 16 हजार मकानों पर चलेगा बुलडोजर- तैयार हो रही सूची
Gorakhpur Development Authority जीडीए के उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने आदेश जारी करते हुए सभी अवर अभियंताओं को सूची बनाकर अवैध निर्माण पर रोक लगाने व ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Gorakhpur Development Authority: गोरखपुर महानगर में हो रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने आदेश जारी करते हुए सभी अवर अभियंताओं को सूची बनाकर अवैध निर्माण पर रोक लगाने व ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। गोरखपुर में हर मोहल्ले में अवैध निर्माण हुआ है। पूरे शहर में वैध से ज्यादा अवैध निर्माण हुए हैं।
अभियंताओं की तय होगी जिम्मेदारी
उपाध्यक्ष ने कहा है कि निरीक्षण के दौरान जिस अवर अभियंता के क्षेत्र में अवैध निर्माण पाया गया, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बीच जिनका भू उपयोग आवासीय है और उन्होंने मानचित्र पास नहीं कराया है, उन्हें समन (कंपाउंडिंग मानचित्र) पास कराने का मौका भी दिया जाएगा। इससे प्राधिकरण की आय भी बढ़ेगी।
अवैध निर्माण में गोरखपुर यूपी में दूसरे स्थान पर
प्रदेश के विभिन्न विकास प्राधिकरणों में अवैध निर्माण के लिए जारी नोटिस के आधार पर शासन स्तर पर बनने वाली रिपोर्ट में इस सला भी जीडीए प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। यहां करीब 22 हजार से अधिक ऐसे मामले हैं। इस प्राधिकरण में करीब 16 हजार से अधिक मामलों में ध्वस्तीकरण का आदेश भी पारित हो चुका है। अवैध निर्माण को लेकर उठने वाले सवालों के बाद जीडीए के नवागत उपाध्यक्ष ने सख्त रुख अपनाया है। आदेश में उन्होंने कहा है कि जीडीए को अवैध निर्माण की शिकायतें समय-समय पर प्राप्त हो रही हैं। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अवर अभियंता अपने क्षेत्र में अवैध निर्माण पर प्रभावी अंकुश नहीं लगा रहे हैं। इससे अवैध निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है और प्राधिकरण की आय भी प्रभावित हो रही है।
अवैध निर्माण पर अवर अभियंता होंगे जिम्मेदार
आदेश में उल्लेख है कि यदि किसी अवर अभियंता के क्षेत्र में चालानी रिपोर्ट के बाद भी निर्माण होता है तो उसकी भी संलिप्तता मानी जाएगी और अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान के दौरान आम नागरिकों की सुविधा का भी ख्याल रखा जाएगा। यदि किसी व्यक्ति ने भू उपयोग सही होने के बावजूद किसी कारण से मानचित्र स्वीकृत नहीं कराया है तो उसे मानचित्र स्वीकृत कराने का अवसर दिया जाएगा। जीडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि अवैध निर्माण रोकने के लिए अवर अभियंताओं को निर्देश दिए गए हैं।