न‍िवेश का हब बन रहा गोरखपुर का गारमेंट पार्क, तमिलनाडु के उद्यमी भी तलाश रहे निवेश की संभावना

एक जिला एक उत्पाद योजना में रेडीमेड गारमेंट को शामिल किए जाने के बाद गोरखपुर रेडीमेड गारमेंट का हब बनने जा रहा है। आने वाले समय में बड़ी संख्या में कोलकाता लुधियाना राजस्थान आदि स्थानों पर औद्योगिक इकाई संचालित करने वाले उद्यमी यहां निवेश कर सकते हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 18 Nov 2021 09:02 AM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 09:03 AM (IST)
न‍िवेश का हब बन रहा गोरखपुर का गारमेंट पार्क, तमिलनाडु के उद्यमी भी तलाश रहे निवेश की संभावना
गोरखपुर औद्योगिक व‍िकास प्राधिकरण (गीडा) का कार्यालय। - फाइल फोटो

गोरखपुर, उमेश पाठक। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार एवं नेपाल का बाजार प्रदेश के बाहर के उद्यमियों को गारमेंट पार्क में निवेश के लिए आकर्षित कर रहा है। उद्यमी गोरखपुर आकर यहां के बाजार का अध्ययन कर रहे हैं। यहां रेडीमेड गारमेंट के बाजार को देखकर उनका हौसला बढ़ रहा है और वे निवेश की इच्छा जता रहे हैं। आने वाले समय में बड़ी संख्या में कोलकाता, लुधियाना, राजस्थान आदि स्थानों पर औद्योगिक इकाई संचालित करने वाले उद्यमी गोरखपुर में भी निवेश कर सकते हैं।

गीडा में विकसित हो रहे गारमेंट पार्क में भूखंड के लिए करीब 70 उद्यमी दे चुके हैं साक्षात्कार

एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में रेडीमेड गारमेंट को शामिल किए जाने के बाद गोरखपुर को रेडीमेड गारमेंट का हब बनाने की दिशा में प्रयास चल रहा है। गीडा में फ्लैटेड फैक्ट्री (बहुमंजिला इमारत, जिसमें छोटे उद्यमी अपनी इकाई स्थापित कर सकते हैं) के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। इसके साथ ही गारमेंट पार्क भी विकसित किया जा रहा है। पार्क में विभिन्न आकार के भूखंडों के लिए 74 आवेदन आए थे और आवेदनों की जांच के बाद भूखंड के लिए साक्षात्कार भी आयोजित किया जा चुका है। करीब 70 उद्यमी साक्षात्कार में शामिल हुए थे और जल्द ही साक्षात्कार का परिणाम भी घोषित हो सकता है।

बिहार, नेपाल तक हो सकती है गोरखपुर से आपूर्ति

गीडा प्रबंधन की ओर से पार्क में आधारभूत संरचना विकसित की जा रही है। टेक्सटाइल हब के रूप में पहचाने जाने वाले तमिलनाडु के तिरपुर में सिद्धार्थनगर के रीतेश जायसवाल शान क्रिएशन के नाम से रेडीमेड गारमेंट का उत्पादन करते हैं। उनके उत्पाद देश के कई क्षेत्रों में पंसद किए जाते हैं। गोरखपुर के गारमेंट पार्क में निवेश करने की इच्छा से वे आजकल गोरखपुर एवं नेपाल के दौरे पर हैं। रीतेश का कहना है कि यहां बड़ा बाजार उपलब्ध है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, नेपाल आदि स्थानों पर गोरखपुर से आपूर्ति की जा सकती है।

तिरपुर एक बड़ा केंद्र है लेकिन वहां से उत्पाद लाने में काफी समय लगता है। गोरखपुर में बड़ा निवेश करने की इच्छा है। इस संबंध में जिलाधिकारी एवं गीडा के सीईओ से बात हुई है। इस क्षेत्र के 100 से अधिक लोग तिरपुर में हैं। उनमें से कई लोगों को यहां निवेश के लिए प्रोत्साहित करूंगा। इस क्षेत्र के अच्छे कारीगर दक्षिण भारत में काम करते हैं, यहां आकर वे बेहतर कर सकते हैं। यहां उत्पादन अपेक्षाकृत सस्ता होगा।

औद्योगिक गलियारे में निवेश को आने लगे प्रस्ताव

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के दोनों ओर विकसित होने वाले औद्योगिक गलियारे में निवेश को लेकर प्रस्ताव आने का सिलसिला शुरू हो गया है। गीडा में फर्नीचर फैक्ट्री के संचालक की ओर से यहां निवेश के लिए प्रस्ताव दिया गया है। वह सात एकड़ जमीन पर प्लाई एवं माइका की फैक्ट्री लगाना चाहते हैं। इसमें करीब 40 करोड़ रुपये का निवेश होगा और करीब 400 लोगों को रोजगार मिलेगा। उद्यमी आरिफ ने बताया कि फैक्ट्री स्थापित करने की तैयारी चल रही है।

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