70 डिसमिल जमीन में की बागवानी, फूलों से महक रहा वातावरण Gorakhpur News
पर्यावरण के हो रहे विघटन के दौर में महराजगंज के डा. पंकज तिवारी ऐसे शख्स हैं जिन्हें पेड़-पौधों के हिफाजत की चिंता पल-पल सता रही है। उनकी कोशिश रहती है कि कहीं कोई पौधा लगाया जाए और फिर उसकी देखरेख व निरंतर पालन पोषण होता रहे।
सच्चिदानंद मिश्र,गोरखपुर : पर्यावरण के हो रहे विघटन के दौर में महराजगंज जिले के डा. पंकज तिवारी ऐसे शख्स हैं, जिन्हें पेड़-पौधों के हिफाजत की चिंता पल-पल सता रही है। पेड़ पौधों से उनका बेहद लगाव हैं। उनकी हर रोज कोशिश रहती है कि कहीं कोई पौधा लगाया जाए और फिर उसकी बेहतर देखरेख व निरंतर पालन पोषण होता रहे। डा. पंकज के पर्यावरण के प्रति इसी लगाव ने उनके मकान के हर हिस्से को एक बगिया का रूप दे दिया है और इनकी बगिया में देश-विदेश के रंग-बिरंगे फूलों से महक रही है। फूलों की इस बगिया में किश्म-किश्म के औषधीय पौधे भी सजे हैं। यहां का वातावरण इस कदर अनुकूल हो गया है कि पेड़-पौधों के साथ-साथ यहां कई प्रकार के पशु-पक्षी भी निवास करने लगे हैं। मूलरूप से सिसवा निवासी व बीएसएस कालेज के चेयरमैन डा. पंकज तिवारी इकोनामिक से पीएचडी हैं।
पिता के कारण पर्यावरण से गहरा हुआ लगाव
पंकज बताते हैं कि पिता महंथ तिवारी से इनको पर्यावरण से गहरा लगाव हुआ। पीएचडी के बाद एमबीए किया और फिर कालेज के साथ-साथ इन्होंनें सिसवा स्थित अपने मकान के खाली पड़े 70 डिसमिल भू-भाग को एक बाग के रूप में परिवर्तित कर दिया। फूलों की बगिया के साथ औषधीय पेड़ों से उनका लगाव है। औषधीय गुणों से भरपूर पौधे को लगाकर पर्यावरण संतुलन में वे खास भूमिका निभा रहें हैं। डा. पंकज के फूलों की बगिया में गुलाब, गुड़हल, गुलदावदी, बूगन बेलिया, चाइना पाम, हिपस्ट्रियम, कमल, सदा बहार, नर्गिस, फ्रीजिया, डेलिली, क्लियोरिया, रेनलिली, वरबीना, एंथूरियम, एलोवेरा, जेड, डुरांटा, रजनीगंधा, फायर, क्रैकर बुश, अमरूद, काला लिली, अनार, करीपत्ता, नाशपाती, सूरजमुखी, अंजीर, स्ट्राब्रेरी, कटहल समेत 60 से अधिक प्रजातियों के फल-फूल और औषधीय प्रजातियां इनकी बगिया में खुशबू बिखेर रही हैं।
पूरा परिवार करता है फूलों की देखभाल
डा. पंकज की बगिया में फूलों के मुस्कुराने के राज के पीछे उनके पूरे परिवार का हाथ है। विकास विभाग से ग्राम सचिव पद से सेवानिवृत पिता महंथ तिवारी, गृहिणी मां सुनीता देवी, भाई धीरज व नीरज के साथ खुद पंकज का बाग में जाना व उनकी देखरेख करना एक दिनचर्या सा बन गया है। बेहतर वातावरण के कारण ही इनकी बगिया में आज भी गिलहरियों का कलरव सुनाई दे रहा है। इसके अलावा इन्होंने खरगोश व मछलियों को भी स्थान दिया है।
इंडिया आइकान रह चुके हैं डा. पंकज
डा. पंकज तिवारी के इस पर्यावरण प्रेम व अन्य सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें वर्ष 2019 में इंडिया आइकान अवार्ड से नवाजा जा चुका है। सीआइआइ दिल्ली व ब्लैडक्विज संस्था की ओर से प्रत्येक वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर काम करने वालों को देश स्तर पर सम्मानित किया जाता है। जिसमें वर्ष 2019 में डा. पंकज तिवारी को पर्यावरण व शिक्षा के क्षेत्र में इंडिया आइकान के रूप में बेंगलुरू में भारतीय अभिनेत्री दिया मिर्जा ने सम्मानित किया था।