वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा, अब ऐसे होगी वाहनों की जांच Gorakhpur News

नई व्यवस्था के तहत व्यावसायिक वाहन स्वामियों को फिटनेस प्रमाण पत्र की अंतिम तिथि समाप्त होने से 45 दिन के अंदर वाहन 4.0 पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। वाहन मालिक सिविल लाइंस या गीडा स्थित आरटीओ दफ्तर परिसर में जांच के लिए आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 08:05 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 08:05 AM (IST)
वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा, अब ऐसे होगी वाहनों की जांच Gorakhpur News
वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र अब आनलाइन जारी होंगे। इससे फर्जीवाड़ा रुकेगा। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। अब वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा। संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी भी बंद होगी। शासन के दिशा-निर्देश पर परिवहन विभाग ने बुधवार से संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय परिसर में एम वाहन एप से वाहनों की फिटनेस जांच शुरू कर दी है।

परिसर से 500 मीटर के दायरे में ही होगी जांच, आनलाइन आवेदन अनिवार्य

नई व्यवस्था के तहत व्यावसायिक वाहन स्वामियों को फिटनेस प्रमाण पत्र की अंतिम तिथि समाप्त होने से 45 दिन के अंदर वाहन 4.0 पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। वाहन मालिक सिविल लाइंस या गीडा स्थित आरटीओ दफ्तर परिसर में जांच के लिए आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। शुल्क जमा करने के बाद निर्धारित तिथि पर आनलाइन आवेदन का प्रिंट के साथ आरटीओ दफ्तर के 500 परिधि के अंदर वाहन लेकर पहुंचना अनिवार्य होगा। निर्धारित तिथि पर नहीं पहुंचने पर जांच के लिए तीन मौके दिए जाएंगे। उसके बाद भी वाहन की जांच नहीं कराने पर वाहन स्वामी को निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त रोजाना 50 रुपये जुर्माना देना होगा।

एप पर लोड होगी लाइव तस्वीर

जांचकर्ता एम वाहन एप पर वाहन की पूरी तस्वीर, चेसिस नंबर, आगे और पीछे के सभी लाइट, हाई सिक्योरिटी नंबर लोड और रिफ्लेक्टर सहित निर्धारित छह बिंदुओं की लाइव तस्वीर लोड करेंगे। तस्वीर लोड होने के बाद ही जांच की आगे की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी। अन्यथा की स्थिति में फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं बन पाएगा।

प्रमाण पत्र के लिए होती है इनकी जांच

गाड़ी का इंजन, हार्न, आगे और पीछे की लाइट व इंडीकेटर, सीट, फाग लाइट, फार्स्ट एड बाक्स, रिफ्लेक्टर, सफाई, डेंट-पेंट और नंबर प्लेट।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत एम वाहन एप से वाहनों के फिटनेस जांच शुरू हो गई है। इससे व्यवस्था पारदर्शी बनेगी। प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी। - श्याम लाल, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, गोरखपुर।

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