पीएम आवास के 41 घरों की जांच करने पहुंची टीम

बिस्कोहर नगर पंचायत के सिकौथा में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ अपात्रों को मिलने की शिकायत तथा पात्र होते हुए गरीबों को आवास न मिलने के मामले में चार सदस्यीय टीम गुरुवार को सिकौथा में पहुंची। सूची के हिसाब से एक-एक घर पर जाकर जांच की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 06:34 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 06:34 PM (IST)
पीएम आवास के 41 घरों की जांच करने पहुंची टीम
पीएम आवास के 41 घरों की जांच करने पहुंची टीम

सिद्धार्थनगर : बिस्कोहर नगर पंचायत के सिकौथा में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ अपात्रों को मिलने की शिकायत तथा पात्र होते हुए गरीबों को आवास न मिलने के मामले में चार सदस्यीय टीम गुरुवार को सिकौथा में पहुंची। सूची के हिसाब से एक-एक घर पर जाकर जांच की।

नगर निकाय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आवास योजना में धांधली संबंधित शिकायत प्रकाश में आई थी। मोहित मिश्रा नाम के व्यक्ति ने उपजिलाधिकारीको शिकायती पत्र देने के साथ इंटरनेट मीडिया पर इससे संबंधित पोस्ट वायरल की थी। बेसिक शिक्षामंत्री डा. सतीश द्विवेदी ने भी डूडा के अधिकारियों को फटकार लगाई थी। परंतु जिम्मेदार अनजान बने हुए थे। जिसके बाद दैनिक जागरण ने गुरुवार के अंक में 'पात्र हैं फिर भी पीएम आवास से वंचित' खबर प्रमुखता से प्रकाशित की। समाचार में बताया गया कि बहुत सारे गरीब पात्र होते हुए आवास सुविधा से वंचित हैं, जबकि विभागीय मिलीभगत से अपात्रों को आवास का लाभ दिया जा रहा है। खबर का असर ये हुआ कि आज इसकी जांच करने टीम मौके पर पहुंच गई। अपात्रों को आवास मिलने की शिकायत के साथ उन परिवारों से भी मिली, जो पात्र होते हुए योजना का लाभ पाने से वंचित थे।

डूडा के जिला को-आर्डिनेटर अभिषेक मिश्रा, सिविल इंजीनियर सिद्धार्थनगर राहुल साहनी, जेई बांसी विशाल पाठक, बढ़नी के जेई राजेश कुमार की टीम ने 41 घरों की जांच की। टीम ने सुंदर, मगनू, लक्ष्मी, मंगल, कमलावती, रेखा, सुनील आदि से आवेदन करने एवं आवास न मिलने संबंधित जानकारी ली। जिला को-आर्डिनेटर व इंजीनियर साहनी ने बताया कि सूची के हिसाब से आवास की जांच की। जो पात्र हैं और उन्होंने आवेदन किया है तो उनका जियो टैग नहीं हुआ होगा, इसलिए अभी पैसा नहीं आया। जल्द ही इनका आवास दिलाने की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। कुछ ऐसे लोगों को आवास मिल गया है जिन्हें पहले ग्राम पंचायत से मिल चुका था, जांच के बाद रिकवरी के लिए जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।

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