Flood In Gorakhpur: गोरखपुर में आमी नदी के पानी से चार गांव घिरे, गांवों में लगाई गई पांच नाव

आमी नदी का जलस्तर बढऩे से सुथनी गहिरा खिरीडार चकचोहरा कुआवल कोडरी कला भूआ शहीद आदि गांवों की स्थिति बिगड़ रही है। जिस कारण स्थानीय निवासियों की दिनचर्या भी प्रभावित हो गई है। सूथनी निवासी राम दरस ने कहा कि गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 05:30 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:02 PM (IST)
Flood In Gorakhpur: गोरखपुर में आमी नदी के पानी से चार गांव घिरे, गांवों में लगाई गई पांच नाव
गांव में बाढ़ केे पानी का दृश्‍य, जागरण।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सहजनवां ब्लाक क्षेत्र में आमी नदी का जलस्तर बढऩे से चार गांव घिर गए हैं। बाढ़ के पानी से आवागमन की दिक्कत हो रही है। प्रशासन ने चकचौरा गांव में एक, सूथनी में एक, गहिरा में एक, भुआशहदी में एक तथा विरार में एक समेत कुल पांच नाव लगाई है। जगह-जगह पानी लगने से पशुओं के लिए चारा की समस्या उत्पन्न हो गई है।

आमी नदी का जलस्तर बढऩे से सुथनी, गहिरा, खिरीडार, चकचोहरा, कुआवल, कोडरी कला, भूआ शहीद आदि गांवों की स्थिति बिगड़ रही है। जिस कारण स्थानीय निवासियों की दिनचर्या भी प्रभावित हो गई है। सूथनी निवासी राम दरस ने कहा कि गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है। अभी तक कोई प्रशासन का जिम्मेदार देखने नहीं आया है। एक छोटी नाव दी गई है, वह कभी भी पलट सकती है। जबकि दो छोटी नाव की मांग की गई थी। संतोष व रविंद्र ने कहा कि परीक्षा के कारण रोज आना जाना पड़ता है। रामप्रीत की सब्जी तथा राम बचन और राम अचल की धान की फसल डूब गई। शुद्ध पानी, पशुओं का चारा तथा संक्रामक रोग से बचाव का कोई किट नहीं मिला है। गाहिरा निवासी सर्वजीत, चकचोहरा के पलटन, कोडऱी कला के रामलाल ने कहा जोगियाकोल- भरवल मार्ग पर पानी चढ़ गया है। सब्जी व धान की फसल डूब गए है। कसरवल, मैला व भूआ शहीद के मार्ग पर पानी आ गया है। कुआवल के शोभा ने पशुओं व गांव के लोगों की संक्रामक रोग से बचाव की मांग की है। पाली ब्लाक में राप्ती नदी सहजनवां- डुमरिया बाबू बांध तथा सिसई, टिकरिया व सुरगहना में कटान कर रही है।

नदियों की बढ़त स्थिर, जलजमाव से आवागमन बाधित

बड़हलगंज क्षेत्र के राप्ती व सरयू नदियों का जलस्तर रविवार को स्थिर रहा लेकिन एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। लोगों के दरवाजे तक पानी पहुंच चुका है। बाढ़ के पानी से सर्वाधिक समस्या राप्ती नदी किनारे बसे बिहुआ ऊर्फ अगलगउवा, ङ्क्षहगुहार, सुबेदारनगर मांझा व लखनौरा के ग्रामीणों को हो रही है। इन गांवों के ग्रामीणों ने प्रशासन से नाव की मांग की है। लखनौरा में जयश्री व राजाराम का शौचालय आधा से अधिक डूब गया है। सरयू नदी के किनारे बसे ज्ञानकोल के भी ग्रामीणों को जलजमाव का सामना करना पड़ रहा है। राहत की बात यह रही कि नदियां रविवार को स्थिर रहीं लेकिन लोगों को बाढ़ की विभीषिका का डर सता रहा है। प्रशासन बाढ़ पीडि़तों तक नाव की व्यवस्था उपलब्ध नहीं करा पाई है। बाढ़ के पानी से खोहियापट्टी व लखनौरी का प्राथमिक विद्यालय जलमग्न हो गया है। पानी लगने के कारण विद्यालय का ताला नहीं खुल सका। विशेष मतदाता दिवस होने के कारण खुले आसमान के नीचे बीएलओ ने मतदाता सूची के दुरुस्तीकरण का कार्य किया।

बांध पर रेनकट देख विधायक ने जताई नाराजगी

विधायक शीतल पांडेय ने बोक्टा-बरवार बांध का निरीक्षण किया। बरहुआ, बडग़हन और कालेसर मोक्ष धाम के पास बांध पर अतिक्रमण व रेनकट देख बाढ़ खंड द्वितीय के जेई जितेंद्र कुमार व एक्सईएन रूपेश कुमार खरे से नाराजगी व्यक्त की। विधायक ने मुख्य अभियंता से बात कर कार्रवाई की बात कही। बडग़हन गांव के पास बंधे के किनारे गोबर और उपली देखकर हटवाने को कहा। बोक्टा- बरवार बंधे पर पर अवैध अतिक्रमण करने वालों पर अधिकारियों से केस दर्ज कराने का निर्देश दिया। अवैध खनन के लिए बांध को काटकर बनाए गए रास्ते को तत्काल बंद करने को कहा। अनुरक्षण मद की जानकारी विधायक ने ली।

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