गोरखपुर में बिना गार्ड के चला दीं चार मालगाड़ियां, रेलवे ने तीन गार्डों को किया सस्पेंड

रेलवे प्रशासन के दबाव के बाद भी लखनऊ मंडल के गार्डों ने ट्राली बैग लेने से साफ मना कर दिया। बिना गार्ड के ही चार मालगाड़ियां चला दीं गईं। खार खाए रेलवे प्रशासन ने तीन गार्डों को सस्पेंड भी कर दिया। बौखलाए गार्डों ने प्रदर्शन और तेज कर दिया।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 09:05 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 09:05 PM (IST)
गोरखपुर में बिना गार्ड के चला दीं चार मालगाड़ियां, रेलवे ने तीन गार्डों को किया सस्पेंड
बिना गार्ड के ही चलीं चार मालगाड़ियां, तीन गार्ड सस्पेंड। प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : लाइन बाक्स की जगह ट्राली बैग दिए जाने का विरोध जोर पकड़ता जा रहा है। ट्राली बैग को लेकर रेलवे स्टेशन के डीजल लाबी परिसर में चार घंटे तक लखनऊ मंडल प्रशासन और गार्डों के बीच घमासान हुआ। रेलवे प्रशासन के दबाव के बाद भी लखनऊ मंडल के गार्डों ने ट्राली बैग लेने से साफ मना कर दिया। बिना गार्ड के ही चार मालगाड़ियां चला दीं गईं। इस पर खार खाए रेलवे प्रशासन ने तीन गार्डों को सस्पेंड भी कर दिया। बौखलाए गार्डों ने प्रदर्शन और तेज कर दिया। मामला बिगड़ता देख लखनऊ मंडल प्रशासन बैकफुट पर आ गया और कार्रवाई वापस लेते हुए ट्रेनों में लाइन बाक्स ले जाने की अनुमति प्रदान कर दी।

रेलवे प्रशासन और रनिंग स्टाफ का रार नहीं हुआ कम

ट्रेनों में भले ही गार्डों के साथ लाइन बाक्स चलने लगे हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन और रनिंग स्टाफ का रार कम नहीं हुआ है। रेलवे प्रशासन लाइन बाक्स की जगह ट्राली बैग देने पर अड़ा है। रनिंग स्टाफ ट्राली बैग लेकर चलने से इन्कार कर रहे हैं। दरअसल, एक सितंबर से लोको पायलटों के लिए ट्राली बैग अनिवार्य करने के बाद लखनऊ मंडल प्रशासन ने दो दिन पहले नौ सितंबर से गार्डों के लिए भी दिशा-निर्देश जारी कर दिया। आदेश के खिलाफ गार्ड एकजुट हो गए और सुबह आठ बजे दर्जनों की संख्या में स्टेशन स्थित लाबी पहुंच धरने पर बैठ गए। रेलवे प्रशासन सुबह नौ बजे रवाना होने वाली गोरखपुर- बढ़नी डेमू के गार्ड को लाइन बाक्स की जगह ट्राली बैग देने लगा, लेकिन गार्ड ने मना कर दिया। यातायात निरीक्षक डेमू लेकर रवाना हुए। 10 बजे के आसपास छपरा-नौतनवां के गार्ड ने भी ट्राली बैग नहीं लिया। सहायक स्टेशन मास्टर ट्रेन को लेकर रवाना हुए। दोपहर 12 बजे के आसपास आम्रपाली को लेकर परेशानी बढ़ गई। गार्डों का कहना था कि वे लाइन बाक्स के साथ ही ड्यूटी करेंगे। ऐसे में अफरातफरी मच गई। अंतत: एक बजे रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों में लाइन बाक्स ले जाने की छूट दे दी। इसके बाद गार्डों ने राहत की सांस ली। इस मौके पर पीआरकेएस के प्रवक्ता एके सिंह सहित सीबी तिवारी, बीएस त्रिपाठी, अवधेश यादव और जेपी आदि बड़ी संख्या में गार्ड मौजूद रहे।

बिना योजना के ही रेलवे प्रशासन ने शुरू कर दिया ट्राली बैग देना

जानकारों के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने बिना योजना के ही ट्राली बैग देना शुरू कर दिया है। सिर्फ गार्डों के लिए ही 200 बैग खरीदे गए हैं। इसको लेकर रनिंग स्टाफ का आक्रोश बढ़ गया है। लोको पायलट पहले से ही विरोध कर रहे हैं। आल इंडिया गार्ड एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारी जीबीएस त्रिपाठी के अनुसार गार्डों के मूल वेतन से 30 फीसद कालमैन, पोर्टर और रनिंग रूम के रखरखाव के नाम पर कट जाता है। जब लाइन बाक्स चढ़ाने व उतारने वाले पोर्टर का वेतन गार्ड ही दे रहे हैं तो रेलवे प्रशासन उन्हें हटाने वाला कौन होता है। बिना बोर्ड की अनुमति के जबरदस्ती ट्राली बैग दी जा रही है। जबकि, मामला कोर्ट के अधीन है। ट्राली बैग के विरोध में रनिंग स्टाफ का आंदोलन जारी रहेगा।

chat bot
आपका साथी