बिहार से दिल्‍ली ले जाए जा रहे चार बाल श्रमिक मुक्त, लग्जरी बस में सवार थे सभी बाल श्रमिक Gorakhpur News

पुलिस को सूचना मिली कि बिहार से दिल्ली जा रही बस में बाल श्रमिक मौजूद हैं। पुलिस टीम सलेमगढ़ स्थित टोल प्लाजा पर वाहनों की जांच शुरू कर दी। इस दौरान बिहार से आई लग्जरी बस को रोक पुलिस ने तलाशी ली तो उसमें चार बाल श्रमिक मिले।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:30 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:30 AM (IST)
बिहार से दिल्‍ली ले जाए जा रहे चार बाल श्रमिक मुक्त, लग्जरी बस में सवार थे सभी बाल श्रमिक Gorakhpur News
बाल श्रमिकों का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। बिहार बार्डर के समीप स्थित कुशीनगर जनपद के सलेमगढ़ टोल प्लाजा पर तरयासुजान पुलिस ने लग्जरी बस से चार बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। सभी बाल श्रमिक अकेले ही सफर कर रहे थे। पुलिस ने अभिभावकों को इसकी सूचना दे दी है और बाल श्रमिकों को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया। सभी बाल श्रमिकों की काउंसिलिंग की जा रही है। यह सभी पूर्णिया बिहार से दिल्ली जा रहे थे।

अकेले दिल्‍ली जा रहे थे सभी बच्‍चे

कुशीनगर जनपद के तरयासुजान थाने के प्रभारी निरीक्षक कपिलदेव चौधरी फोरलेन पर गश्त पर थे। इसी बीच सूचना मिली कि बिहार से दिल्ली जा रही बस में बाल श्रमिक मौजूद हैं। पुलिस टीम सलेमगढ़ स्थित टोल प्लाजा पर वाहनों की जांच शुरू कर दी। इस दौरान बिहार से आई लग्जरी बस को रोक पुलिस ने तलाशी ली तो उसमें चार बाल श्रमिक मिले। उनके साथ कोई अभिभावक या जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं था। पुलिस श्रमिकों को थाने ले गई और इसकी सूचना चाइल्ड लाइन को दी। पूछताछ करने पर श्रमिकों ने बताया कि पूर्णिया में उन्हें बस में बैठा दिया गया, बैठाने वाले दिल्ली में मिलने की बात बताए हैं।

परिवार की मर्जी से जा रहे दिल्‍ली

बाल श्रमिकों ने बताया कि वे परिवार वालों की मर्जी से दिल्ली जा रहे थे। चारों की पहचान 13 वर्षीय शराफत, 14 वर्षीय वाजिद, 12 वर्षीय मंगेज व 13 वर्षीय अकबर निवासी पिपरपाती थाना जलालगढ़ जिला पूर्णिया बिहार के रूप में हुई। सीओ फूलचंद कन्नौजिया ने बताया कि बाल श्रमिकों को मुक्त कराकर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया है। बाल श्रमिक परिवार की मर्जी से मकान निर्माण कराने वाली कंपनी के ठीकेदार के जरिये दिल्ली जा रहे थे। आगे नियमानुसार कार्रवाई होगी।

बताते चलें कि बिहार से बड़े पैमाने पर बाल श्रमिकों को दिल्‍ली ले जाने का क्रम जारी है। दिल्‍ली में सभी से काम कराया जाता है। घर परिवार को अच्‍छी रकम मिलने का लालच देकर दिल्‍ली भेजा जा रहा है। गरीबी दूर करने के चक्‍कर में मा-बाप अपने बच्‍चों को दिल्‍ली भेज दे रहे हैं। उनकी पढ़ाई की चिंता किसी को नहीं है। बहरहाल, पुलिस ने बाल श्रमिकों को मुक्‍त करा दिया है।

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