महायोगी गुरु गोरक्षनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय : जुलाई में शिलान्यास, अगस्त में शुरू होगा निर्माण

गोरखपुर में गुरु गोरक्षनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य अगस्त महीने में शुरू हो जाएगा। इसके पहले जुलाई में प्रस्तावित शिलान्यास कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शामिल होने की संभावना है। हालांकि अभी उनका कार्यक्रम फाइनल नहीं हुआ है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 11:34 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:34 AM (IST)
महायोगी गुरु गोरक्षनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय : जुलाई में शिलान्यास, अगस्त में शुरू होगा निर्माण
महायोगी गुरु गोरक्षनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। महायोगी गुरु गोरक्षनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य अगस्त महीने में शुरू हो जाएगा। इसके पहले जुलाई में प्रस्तावित शिलान्यास कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शामिल होने की संभावना है। हालांकि अभी उनका कार्यक्रम फाइनल नहीं हुआ है। जिला प्रशासन ने भटहट क्षेत्र के बांस स्थान मार्ग पर पहले ही जमीन के चिह्नांकन का कार्य पूरा कर लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लखनऊ में आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण से जुड़े कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए पर्याप्त भूमि की उपलब्धता हो गई है, ऐसे में एक पखवारे में विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर अगस्त से निर्माण शुरू कर दिया जाए।

निर्माण पूरा होने तक वैकल्पिक स्थान से होगा संचालन

लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर आयुष विश्वविद्यालय स्थापना के की तैयारियों की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों में नवीन शोध-अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास कर रही है। आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना से एक ओर जहां प्रदेश के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सा शिक्षण संस्थानों की प्रशासनिक व्यवस्था बेहतर होगी, वहीं इन विधाओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को नया आयाम भी मिलेगा। विश्वविद्यालय निर्माण कार्य पूरा होने तक वैकल्पिक स्थान से इसका संचालन होगा।

प्राचीन चिकित्सा विधाओं से परिचय कराएगा संग्रहालय

विश्वविद्यालय स्थापना के संबंध में प्रस्तुतिकरण देखते हुए मुख्यमंत्री ने परिसर में संग्रहालय बनाने के निर्देश दिए। कहा कि संग्रहालय में आयुर्वेद, होम्योपैथ व यूनानी चिकित्सा विधाओं के उद्भव और विकास के साथ-साथ इनके सैद्धांतिक तथा क्रियात्मक पक्षों की पूरी जानकारी दी जाए। संग्रहालय में प्राचीन चिकित्सा विधाओं से जुड़े आचार्यों के योगदान का भी संकलन करने के निर्देश दिए। यह संग्रहालय छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने में तो उपयोगी होगा ही, प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों से दुनिया को रूबरू कराने वाला भी होगा।

पहले चरण में प्रशासनिक भवन, आयुर्वेद, योग और नेचुरोपैथी पर ध्यान

आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पहले चरण में प्रशासनिक भवन तथा आयुर्वेद, योग और नेचुरोपैथी से जुड़े निर्माण कार्य होंगे। टेंडर आदि जारी करने की प्रक्रिया जुलाई माह तक पूरी हो जाएगी। सितंबर 2022 तक 90 फीसद निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। सीएम ने निर्माण कार्य में गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

एक छत के नीचे चिकित्सा के विभिन्न आयाम

आयुष विश्वविद्यालय खुलने से एक ही छत के नीचे आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथ व योग चिकित्सा की पढ़ाई और उस पर शोध कार्य हो सकेगा। इन विधाओं से जुड़े कालेज भी इससे संबद्ध किए जाएंगे। योगी सरकार योग सहित प्राकृतिक व परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहित करने में लगी है।

chat bot
आपका साथी