गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के पूर्व शिक्षक प्रो. अभय जैन बने जैन विद्या शोध संस्थान के उपाध्यक्ष Gorakhpur News

उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान लखनऊ संस्कृति विभाग उप्र के उपाध्यक्ष पद पर राज्य सरकार द्वारा प्रो. अभय कुमार जैन का मनोनयन किया गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 11:31 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 11:31 AM (IST)
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के पूर्व शिक्षक प्रो. अभय जैन बने जैन विद्या शोध संस्थान के उपाध्यक्ष Gorakhpur News
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के पूर्व शिक्षक प्रो. अभय जैन बने जैन विद्या शोध संस्थान के उपाध्यक्ष Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान लखनऊ, संस्कृति विभाग उप्र के उपाध्यक्ष पद पर राज्य सरकार द्वारा प्रो. अभय कुमार जैन का मनोनयन किया गया है। गोमतीनगर स्थित संस्थान के निदेशक डा. राकेश सिंह ने प्रो. अभय कुमार जैन को कार्यभार ग्रहण कराया।

शोध के लिए विश्वविद्यालयों का सहयोग लेंगे

पदभार ग्रहण करने के बाद डा. जैन ने कहा कि समाज, शासन और सरकार के सहयोग से संस्थान के उद्देश्यों की पूर्ति की दिशा में प्रभावी एवं सार्थक प्रयास किया जाएगा। विशेषकर प्रदेश के जैन शिक्षण संस्थानों और जैनेत्‍तर समाज के शिक्षण संस्थानों जहां भारतीय जैन संस्कृति एवं संस्कारों की शिक्षा दी जाती है को संस्थान से जोड़ने की दिशा में कार्य किया जायेगा। शोध के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालयों का सहयोग लेने का प्रयास किया जायेगा। अहिंसा एवं सत्य के प्रचार-प्रसार के लिये समय-समय राष्ट्रीय संगोष्ठियों के आयोजन भी किए जाएंगे।

यह भी रहे मौजूद

इस मौके पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. पद्मकान्त, प्रो. पवन अग्रवाल, सदस्य अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान तरुणेश मिश्रा, राकेश राज जैन, नरेन्द्र जैन, संजीव जैन, प्रो. विजय जैन, डा. राका जैन, डा. धीरेन्द्र, डा.राकेश सिंह आदि उपस्थित थे।

शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान

डा. जैन उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 1971 से अध्यापन एवं शोध का कार्य क्रमशः क्राइस्ट चर्च कालेज, कानपुर, एचबीटीआई कानपुर, बीआईटीएस, पिलानी, सेंट एंड्रयूज कालेज गोरखपुर, इलाहबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज, गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर। लखनऊ विश्वविद्यालय में अतिथि आचार्य के रूप में कार्यरत हैं। प्रो. अभय जैन वर्ष 1978 से भारतीय जैन मिलन और तीर्थ संरक्षणी सभा तथा अनेक जैन संस्थाओं के साथ जुड़कर भारतीय जैन संस्कृति प्रचार एवं प्रसार कर रहे हैं।

chat bot
आपका साथी