Gorakhpur Zila Panchayat Result 2021: पूर्व सीएम बीर बहादुर सिंह की बहु ने बदला गोरखपुर का समीकरण, जोड़-तोड़ शुरू

Gorakhpur UP Gram Panchayat Chunav Result 2021 गोरखपुर में अपना अध्यक्ष बनाने के लिए जरूरी समर्थन भाजपा को नहीं मिल सका है इसलिए पार्टी का भरोसा ऐसे जिला पंचायत सदस्य की दावेदारी पर है जो बड़ी संख्या में जीते निर्दलीय सदस्यों को साध सके।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 09:05 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 07:28 PM (IST)
Gorakhpur Zila Panchayat Result 2021: पूर्व सीएम बीर बहादुर सिंह की बहु ने बदला गोरखपुर का समीकरण, जोड़-तोड़ शुरू
बीर बहादुर सिंह व उनकी बहु साधना सिंह। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। लंबी खींचतान के बाद बुधवार की देर शाम जिला पंचायत के सभी वार्डों के विजेताओं के नाम घोषित हो गए तो अब सभी की निगाहें अध्यक्ष की कुर्सी पर जम गई हैं। अध्यक्ष पद के दावेदारों ने पार्टी में अपनी प्रत्याशिता को लेकर पूरा दमखम लगाना शुरू कर दिया है। उधर चूंकि अपना अध्यक्ष बनाने के लिए जरूरी समर्थन भाजपा को नहीं मिल सका है, इसलिए पार्टी का भरोसा ऐसे जिला पंचायत सदस्य की दावेदारी पर है जो बड़ी संख्या में जीते निर्दलीय सदस्यों को साध सके।

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह की है सबसे मजबूत दावेदारी

जिला पंचायत अध्यक्ष की दावेदारी में जो सबसे मजबूत नाम सामने आ रहा है, वह प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और वर्तमान में कैपिंयरगंज के विधायक फतेह बहादुर सिंह की पत्नी साधना सिंह का। पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की बहू साधना सिंह की दावेदारी इसलिए और मजबूत हो जाती है क्योंकि वह पहले भी अध्यक्ष की कुर्सी संभाल चुकी हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो विधायक फतेह बहादुर की निर्दल जीते जिला पंचायत सदस्यों पर मजबूत पकड़ है। उन्होंने इसे लेकर उनसे संपर्क साधना भी शुरू कर दिया है। 

यह भी हैं दावेदार

दावेदारी को लेकर जो दूसरा नाम सामने आ रहा हैं, वह है वार्ड नंबर-66 से सदस्य बनी पिंकी जायसवाल का है। पिंकी जायसवाल भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष दीपक जायसवाल की पत्नी है और दूसरी बार जिला पंचायत सदस्य बनी हैं। दीपक का राजनीतिक इतिहास हिंदू युवा वाहिनी से जुड़ा है, वह विधानसभा चुनाव में कई बार भाजपा से टिकट की दावेदारी भी कर चुके हैं। दूसरी बार जिला पंचायत सदस्य बने माया शंकर शुक्ला भी पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा की दुहाई देकर दावेदारी ठोक रहे हैं। ब्राह्मण चेहरा होने की वजह से उनकी दावेदारी में जातीय समीकरण से मजबूत मानी जा रही है। लेकिन पार्टी में चल रही चर्चा के मुताबिक अध्यक्ष के लिए भाजपा का चेहरा वही होगा, जिसकी पैठ निर्दलीय विजेताओं में ज्यादा होगी।

बागियों को भी अपना गिन रही भाजपा

भाजपा के समर्थन से अधिकृत रूप से 19 प्रत्याशियों को ही जीत हासिल हुई है। लेकिन पार्टी उन छह विजेताओं को भी अपना मान रही है, जिन्होंने भाजपा से समर्थन न मिलने पर निर्दल के तौर ताल ठोक दिया और विजयी हुए। ये छह नाम है वार्ड संख्या-12 से दिलीप सिंह, 33 से रंजीता, 34 से अंजना सिंह, 41 से पूजा शाही, 43 से डा. जयप्रकाश भारती और वार्ड संख्या 59 से सवित्री यादव। अगर यह दावा है सही है तो भाजपा के पाले में इस समय कुल 25 जिला पंचायत सदस्य हैं।

पार्टी के समर्थन से जीते भाजपा के जिला पंचायत सदस्य

सुरेश पासवान, सुधा सिंह, राम उग्रह चैहान, सरोज देवी, साधना सिंह, रामपाल सिंह, संजय शुक्ल, दिव्या गुप्ता, राम बुझारत पासी, गौरी शंकर मिश्र, सीमा चन्द, बालचंद सोनकर, मायाशंकर शुक्ल, मनोज कुमार शुक्ल, विशाल ध्वज सिंह, सरिता पासवान, पिंकी जायसवाल, सुनील गुप्ता और मंजू देवी।

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