DR Sugestions on Coronavirus: दो माह से संदिग्धों के बीच जाकर जांच केंद्रों की कर रहे निगरानी, संक्रमण को दे रहे चुनौती Gorakhpur News

DR Sugestions on Coronavirus डा. सिंह सुबह आठ बजे से ही कोरोना की जांच की तैयारियां शुरू कर देते हैं। एक दिन शहर और दूसरे दिन ग्रामीण क्षेत्र के केंद्रों की निगरानी के लिए निकलते हैं। शारीरिक दूरी का पालन करने और मास्क लगाने की नसीहत भी देते हैं।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 05:49 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 05:49 PM (IST)
DR Sugestions on Coronavirus: दो माह से संदिग्धों के बीच जाकर जांच केंद्रों की कर रहे निगरानी, संक्रमण को दे रहे चुनौती Gorakhpur News
डिप्टी सीएमओ डा. एके सिंह की फाइल फोटो, सो. स्‍वयं।

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना से हो रही जंग में डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ पहले मोर्चे पर डटे हुए हैं। इनमें से एक हैं डिप्टी सीएमओ डा. एके सिंह। वह कोरोना से सीधे खेल रहे हैं। सभी जांच केंद्रों की व्यवस्था की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है। संदिग्धों के बीच जाकर वह न सिर्फ व्यवस्था का जायजा लेते हैं बल्कि भीड़ ज्यादा होने पर स्वयं उनका आधार कार्ड लेकर सूची बनाते हैं और कोरोना की जांच कराते हैं। पूरी एहतियात बरतते हैं, इसलिए वह आज तक संक्रमित नहीं हो सके।

डा. सिंह सुबह आठ बजे से ही कोरोना की जांच की तैयारियां शुरू कर देते हैं। एक दिन शहर और दूसरे दिन ग्रामीण क्षेत्र के केंद्रों की निगरानी के लिए निकलते हैं। संदिग्धों को शारीरिक दूरी का पालन करने और मास्क लगाने की नसीहत भी देते हैं। उनके बैग में मास्क पड़ा रहता है। जो लोग मास्क लगाकर नहीं आए होते हैं, उन्हें प्रदान करते हैं और यह सलाह देते हैं कि वे अपने आसपास के लोगों को भी इसके लिए जागरूक करें। रात 10 बजे के बाद घर लौटते हैं।

नियमित करते हैं योगाभ्यास

डा. सिंह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हल्दी मिश्रित दूध लेते हैं। साथ ही भोजन में फल व सब्जियों की मात्रा ज्यादा होती है। इसके अलावा वह नियमित योगाभ्यास करते हैं।

बरतते हैं यह एहतियात

जब काम से लौटकर घर पहुंचते हैं तो बाहर ही सभी कपड़े गर्म पानी में भिगो देते है। गर्म पानी व साबुन से नहाने के बाद ही वह घर में प्रवेश करते हैं। पिछले दो माह से पूरे परिवार से अलग कमरे में सोते हैं। डा.एके सिंह का कहना है कि मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है। उसे बखूबी निभा रहा हूं। यह हमारा कर्तव्य भी है और नैतिक दायित्व भी। यह संकट का समय है। इस समय डाक्टर की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।

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