गुणवत्ता से नहीं किया समझौता, आर्डर पर घरों तक पहुंचाया भोजन Gorakhpur News

लाकडाउन में जब सब कुछ बंद था। उस दौरान भी मैंने अपने ग्राहकों का विशेष ख्याल रखा। वर्षों से मुझसे जुड़े ग्राहक खाना के लिए आर्डर करते थे। मैं उनकी पसंद को ध्यान में रखते हुए उनके घरों तक खाने की डिलेवरी कराता था।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 12:30 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 08:51 AM (IST)
गुणवत्ता से नहीं किया समझौता, आर्डर पर घरों तक पहुंचाया भोजन Gorakhpur News
ये हैं सिनेमन रेस्तरां के संचालन रविकर सिंह।

गोरखपुर, जेएनएन। शहर के शास्त्री चौक स्थित सिनेमन रेस्तरां की पहचान क्वालिटी है। पिछले आठ वर्षों से ग्राहकों से रिश्तों की डोर कोरोनाकाल में भी मजबूत रखा। फोन के जरिये आर्डर पर न सिर्फ ग्राहकों के घरों तक खाना पहुंचाया बल्कि उनकी पसंद का भी ध्यान रखा। ग्राहकों व हमारे बीच रिश्तों को मजबूत करने में गूगल ने बखूबी हमारा साथ निभाया। इस तरह लाकडाउन में पटरी से उतरे कारोबार ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ी। कोरोनाकाल में चुनौतियों से निपटने में हमारे घरवालों ने भी मेरा भरपूर सहयोग किया। यह कहना है कि सिनेमन रेस्तरां के संचालन रविकर सिंह का।

रविकर बताते हैं कि वर्ष 2012 में मैंने जब यह रेस्तरां खोला उस समय इस क्षेत्र में मेरा कोई अनुभव नहीं था। निजी कंपनी की नौकरी छोड़ मैंने यह कारोबार शुरू किया। शुरू से ही मेरा एक ही उद्देश्य रहा कि चाहे जो भी हो गुणवत्ता के साथ कभी समझौता नहीं करूंगा। आज भी मैं उस पर कायम हूं। शायद यहीं वजह है कि ग्राहकों का भरोसा जीतने में सफल रहा है। आज शहर के विभिन्न हिस्सों से मेरे यहां परिवार सहित खाना खाने आते हैं। सिनमेन रेस्तरां के साथ-साथ आज एक ब्रांड बन चुका है।

लाकडाउन में भी ग्राहकों का रखा ख्याल

लाकडाउन में जब सब कुछ बंद था। उस दौरान भी मैंने अपने ग्राहकों का विशेष ख्याल रखा। वर्षों से मुझसे जुड़े ग्राहक खाना के लिए आर्डर करते थे। मैं उनकी पसंद को ध्यान में रखते हुए उनके घरों तक खाने की डिलेवरी कराता था। इस कार्य में मेरे कर्मचारियों ने भी मेरा बखूबी साथ निभाया। मेरे यहां अधिकांश कर्मचारी बाहर के हैं, लेकिन लाकडाउन के दौरान इनमें से कोई भी अपने घर नहीं गया और ग्राहकों के साथ-साथ रेस्तरां संचालित करने में हमारा भरपूर सहयोग किया।

छूट दिया तो जुड़े नए ग्राहक

कोरोनाकाल में आर्थिक तंगी से लगभग हर आदमी परेशान था। इस दौरान मैंने उनकी परेशानियों का ध्यान रखते हुए लगभग सभी आर्डर पर दस से पंद्रह फीसद तक की छूट दी। छूट देने का यह कतई मतलब नहीं कि इसका खाने की गुणवत्ता पर असर पड़ा। इसके बावजूद मैंने पहले की तरह ही गुणवत्तायुक्त लजीज खाने ग्राहकों को परोसे। नतीजतन जहां पुराने ग्राहक नियमित रूप से हमसे जुड़े रहे वहीं कई नए ग्राहक भी बने, जो अब पुराने ग्राहकों की सूची में शामिल हो चुके हैं।

कोरोनाकाल में सुरक्षा व सर्तकता पर रहा जोर

कोरोनाकाल में हर व्यक्ति के जेहन में एक ही बात थी कि यदि हम रेस्तरां में बैठकर खाना खाएंगे तो कही संक्रमित न हो जाएं। 23 मार्च से 17 अगस्त तक बंद रहने के बाद जब पहली सितंबर से रेस्तरां खुला तो हमने ग्राहकों के इस डर को दूर करने की दिशा में पहल की। रेस्तरां के किचेन में सेफ्टी के साथ बनने हुए व पैकेङ्क्षजग होते हुए खाना का वीडियो तैयार किया। इसे सोशल मीडिया के जरिये वायरल किया। इसे देखकर लोगों का विश्वास एक बार फिर कायम हुआ और धीरे-धीरे लोग फिर यहां आने लगे। ग्राहकों की सुविधा और फिजिकल डिस्टेङ्क्षसग के मद्देनजर 90 के स्थान पर सिर्फ 60 लोगों को एक साथ बैठने की अनुमति दी। मास्क, ग्लब्स और बिना हाथ सैनिटाइज किए किसी को रेस्तरां में प्रवेश की अनुमति नहीं है। आज भी यदि कोई खाना खाने के बाद टेबल खाली करता है तो पहले उसे सैनिटाइज किया जाता है फिर दूसरे को बैठाया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन सैनिटाइज करने के बाद ही रेस्तरां खोला जाता है।

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