गोरखपुर में बाढ़ का खतरा गहराया, राप्ती व रोहिन खतरे के निशान से ऊपर- कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

राप्ती व रोहिन नदी के खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के बाद गोरखपुर में बाढ़ का खतरा गहरा गया है। लगातार हुए बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। गोरखपुर के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 06:30 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 06:30 AM (IST)
गोरखपुर में बाढ़ का खतरा गहराया, राप्ती व रोहिन खतरे के निशान से ऊपर- कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
गोरखपुर में राप्‍ती और रोहिन नदी खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है।

गोरखपुर, जेएनएन। तीन दिनों तक लगातार हुई भारी बारिश के चलते राप्ती व रोहिन नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। कैंपियरगंज क्षेत्र के तीन गांवों में पानी घुस गया है। 40 परिवारों को बांध पर शरण लेनी पड़ी है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई एलर्ट जारी कर दिया है। जिन गांवों में पहले भी बाढ़ की समस्या आयी थी, वहां निगरानी बढ़ा दी गई है। बचाव टीमें तटबंधों पर नजर रख रही हैं। पानी से घिरे गांवों में आवागमन के लिए नाव लगाई गई है।

प्रशासन की ओर से जारी किया गया अलर्ट, आवागमन के लिए लगाई गईं नाव

अगस्त महीने के अंत में नदियों के जलस्तर में कमी आने के बाद चैन की सांस लेने में जुटे प्रशासन की चिंता पिछले दिनों लगातार हुई भारी बारिश ने बढ़ा दी है। नेपाल से पानी आने के कारण राप्ती एवं रोहिन नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। त्रिमुहानी घाट में रोहिन नदी के खतरे का बिन्दु 82.44 मीटर पर है जबकि नदी रविवार की शाम 84.29 मीटर पर बह रही थी। इसी प्रकार बर्डघाट में राप्ती नदी खतरे के निशान से करीब 45 सेंटीमीटर ऊपर यानी 75.43 मीटर पर बह रही है। दोनों ही नदियां चढ़ाव पर हैं। कैंपियरगंज क्षेत्र के तीन गांव बुढ़ेली, खड़खड़िया व रिगौली में बाढ़ का पानी घुस जाने से कई लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना पड़ा है। आवागमन के लिए यहां नाव लगा दी गई है। बुढ़ेरी गांव का कोमर टोला जलमग्न हो गया है। वहां से 40 परिवारों को बांध पर पहुंचाया गया है। सभी को प्रशासन की ओर से तिरपाल मुहैया करा दिया गया है। खड़खड़िया में फाटक खुला था, उसे बंद करा दिया गया है। 

कई गांवों पर दबाव बना रहा राप्‍ती का पानी

राप्ती नदी से लगे रेग्युलेटर दो दिन पहले ही बंद कर दिए गए थे। बांसगांव क्षेत्र के मझगांवा गांव की ओर राप्ती नदी का दबा बढ़ रहा है। यहां तटबंध की निगरानी चल रही है, अभी तक कोई नुकसान नहीं हुआ है। आमी नदी में पानी पीछे की ओर आने से कुछ गांव प्रभावित हो गए हैं। एहतियात के तौर पर वहां भी नाव लगा दी गई है। माना जा रहा है कि अगले दो से तीन दिन स्थिति नाजुक रहेगी, उसके बाद बारिश नहीं हुई तो पानी उतरने की संभावना है। सरयू नदी का खतरे के निशान से नीचे होना भी प्रशासन के लिए राहत भरा है। प्रभारी जिलाधिकारी इंद्रजीत सिंह ने बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली है। उन्होंने सभी जरूरी उपाय करने का निर्देश दिया है। जिले में 85 में से 64 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) को तैयार रहने को कहा गया है।

नंदा नगर में खोदा गया नाला, जल निगम की पाइप बनी बाधा

जलभराव से जूझ रहे सिंघडि़या इलाके के हजारों नागरिकों को राहत देने के लिए नगर निगम ने रविवार को नाला की खोदाई शुरू कराई। एयरफोर्स के पास रेलवे की पुलिया से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (एम्‍स) के नाले तक कच्‍चा नाला खोदा जा रहा है। इससे एयरफोर्स इलाके से निकलने वाला पानी सिंघडि़या क्षेत्र में न जाकर सीधे एम्‍स के नाले के रास्‍ते रामगढ़ताल में चला जाएगा। तकरीबन छह सौ मीटर लंबाई में नाला की खोदाई की गई है।

सिंघडि़या के प्रज्ञापुरम, वसुंधरानगर, कमलेशपुरम, प्रगति विहार आदि कॉलोनियों की गलियों में एक से डेढ़ फीट की ऊंचाई तक पानी लगा हुआ है। गोरक्षनगर स्थित सांसद रविकिशन के आवास को जाने वाली सड़क और आसपास की गलियों में पानी का बहाव इतना तेज है कि लोग डरे हुए हैं।

chat bot
आपका साथी