गोरखपुर में एड्स के पांच हजार रोगी, मरीजों के लिए जानलेवा है टीबी Gorakhpur News
बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के एड्स सेंटर में अब तक 20 हजार एड्स रोगी रजिस्टर्ड हैं। इसमें केवल गोरखपुर के पांच हजार हैं। इस साल लगभग 600 नए रोगी रजिस्टर्ड हुए हैं। इनमें से 60 में टीबी का संक्रमण मिला है।
गोरखपुर, जेएनएन। एड्स के मरीजों के लिए टीबी की बीमारी जानलेवा है। इसलिए सरकार ने अनिवार्य कर दिया है कि एड्स के मरीजों की टीबी व टीबी के मरीजों की एड्स जांच कराई जाए। विश्व में एड्स के 20 से 30 मरीजों में टीबी होने के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि गोरखपुर में यह सिर्फ 10 फीसद है।
बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के एड्स सेंटर में अब तक 20 हजार एड्स रोगी रजिस्टर्ड हैं। इसमें केवल गोरखपुर के पांच हजार हैं। इस साल लगभग 600 नए रोगी रजिस्टर्ड हुए हैं। इनमें से 60 में टीबी का संक्रमण मिला है। आठ में मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) व एक में एक्सटेंसिव ड्रग रेजिस्टेंट (एसडीआर) मिला है। एसडीआर वाले मरीज की मृत्यु हो गई है। यह टीबी का अति गंभीर चरण है।
क्या है एचआइवी
एचआइवी (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) एक जानलेवा संक्रमण है। आम बोलचाल में इसे एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) कहते हैं। यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता पर हमला करता है, जिसकी वजह से हमारा शरीर सामान्य बीमारियों से भी लड़ नहीं पाता है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।
जानें, क्या है कारण
एचआइवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध। एचआइवी संक्रमित को लगे सीङ्क्षरज के प्रयोग से। एड्स पीडि़त व्यक्ति का रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाए जाने से। इस बीमारी से पीडि़त प्रसूता से जन्म लेने वाले बच्चे को।
ऐसे बच सकते हैं संक्रमण से
असुरक्षित यौन संबंध से बचें। हमेशा नई सुइयों या सिरिंज का प्रयोग करें। जरूरत पडऩे पर सरकारी या लाइसेंसशुदा ब्लड बैंक से ही रक्त लें। हर गर्भवती की एचआइवी जांच व संस्थागत प्रसव अवश्य कराएं।