गोरखपुर के रामगढ़ ताल में मछली का भी हो सकेगा शिकार, नौकायन का भी ले सकेंगे आनंद
जीडीए उपाध्यक्ष आशीष कुमार का कहना है कि रामगढ़ताल के सामने स्थित वाटर बाडी को सुंदर बनाने के लिए इच्छुक फर्मों से आवेदन आमंत्रित किया गया है। फर्म वाटर बाडी को सुंदर बनाने के साथ वहां मछली पालन व उसका आखेट भी कर सकेगी।
गोरखपुर, जेएनएन। रामगढ़ताल के सामने स्थित वाटर बाडी की गंदगी अब रामगढ़ताल की खूबसूरती पर धब्बा नहीं रहेगी। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने इस वाटर बाडी को भी सुंदर बनाने का निर्णय लिया है और इसके लिए निजी फर्मों से आवेदन मांगे गए हैं। चयनित होने वाली फर्म को 42.5 एकड़ में फैली इस वाटर बाडी की सफाई करनी होगी। इसमें मछली पालन के साथ मछलियों का आखेट भी किया जा सकेगा। फर्म चाहे तो पर्यटकों को लुभाने के लिए इसमें नाव भी चला सकती है। जुलाई महीने के पहले सप्ताह में वाटर बाडी का सुंदरीकरण करने वाली फर्म का चयन कर लिया जाएगा। वाटर बाडी सुंदर बनेगी तो रामगढ़ताल की खूबसूरती में भी चारचांद लग सकेगा।
साफ की जाएंगी झाडि़यां और जलकुंभी
रामगढ़ताल परियोजना के अंतर्गत नौकायन केंद्र के पास बंधे से सटे वाटर बाडी है। यह वाटर बाडी सर्किट हाउस के पीछे, ऐश्प्रा समूह की ओर से विकसित किए जा रहे होटल एवं अंबेडकर पार्क के सामने तक फैली है। वाटर बाडी में जलकुंभी फैली हुई है। रामगढ़ताल क्षेत्र में ताल का क्षेत्र तो सुंदर बनाया गया है लेकिन उसके ठीक सामने वाटर बाडी में फैली जलकुंभी एवं गंदगी इस स्थान की सुंदरता को प्रभावित कर रही है। अब इस वाटर बाडी से जलकुंभी निकाली जाएगी, उसके आसपास झाडियों को साफ किया जाएगा। दोनों किनारे पर मौजूद वृक्षों को भी व्यवस्थित किया जाएगा। इसके बाद चयनित फर्म इसमें मछली पालन कर सकेगी और मछली पकड़कर उसे बेच भी सकेगी। वाटर बाडी में मछली पालन एवं आखेट का अधिकार पाने के लिए आधार मूल्य करीब 18 लाख रुपये रखा गया है। 28 जून तक इसके लिए आवेदन किया जा सकता है।
इच्छुक फर्मों से मांगा गया आवेदन
जीडीए उपाध्यक्ष आशीष कुमार का कहना है कि रामगढ़ताल के सामने स्थित वाटर बाडी को सुंदर बनाने के लिए इच्छुक फर्मों से आवेदन आमंत्रित किया गया है। फर्म वाटर बाडी को सुंदर बनाने के साथ वहां मछली पालन व उसका आखेट भी कर सकेगी। वाटर बाडी सुंदर बनने से इस क्षेत्र की खूबसूरती और बढ़ेगी।