184 गांवों में मिलेगी प्राथमिक उपचार की सुविधा
कुशीनगर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों समेत अन्य गांवों में बनाए गए न्यू स्वास्थ्य उपकेंद्र किराए के भवनों में चलने वाले इन अस्पतालों के किराया मद में प्रतिमाह खर्च होंगे साढ़े पांच लाख रुपये प्रत्येक भवन का किराया तीन हजार रुपये होगा इस व्यवस्था से लोगों को काफी सुविधा हो जाएगी।
कुशीनगर : प्राथमिक उपचार के लिए जिले के 184 गांवों के लोगों को दूर नहीं जाना पड़ेगा। इन गांवों में अब न्यू स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालित होंगे। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए किराये पर भवन लिया है। यह स्वास्थ्य उपकेंद्र बाढ़ प्रभावित खड्डा, नेबुआ नौरंगिया, विशुनपुरा, दुदही, सेवरही के अलावा नौ ब्लाकों में संचालित होंगे।
इन केंद्रों को संचालित करने के लिए किराए के प्रतिमाह तीन हजार रुपये पर भवन लिए गए हैं। इनके किराये के मद में प्रतिमाह पांच लाख 52 हजार रुपये खर्च होंगे। चिकित्सा सुविधाओं से लैस इन केंद्रों पर तैनाती के लिए एएनएम की सूची विभाग ने तैयार कर ली है। प्रथम चरण में 110 एएनएम को दो दिन के भीतर संबंधित केंद्रों पर भेजा जाएगा। बाकी 74 केंद्रों पर भी शीघ्र तैनाती की जाएगी।
यहां हैं सरकारी अस्पताल
जिले में 14 सीएचसी समेत 17 बड़े अस्पताल हैं। इसके अलावा 52 न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। विभागीय दावे के अनुसार यहां पर सभी तरह की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।
पहले चलते थे 358 उपकेंद्र
जनपद की 1003 ग्राम पंचायतों में से 358 में पहले से ही स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं। यहां 300 एएनएम तैनात हैं। इनमें से 25 एएनएम को दो-दो केंद्रों की जिम्मेदारी दी गई है, जिन्हें हफ्ते में तीन-तीन दिन गांवों में रहना पड़ता है।
यह रहेगी जिम्मेदारी
उपकेंद्रों पर तैनात एएनएम की जिम्मेदारी होगी कि वह महिलाओं व बच्चों को समय-समय पर टीका लगाएं। गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की नियमित जांच करें। कोई दिक्कत होने पर तत्काल संबंधित स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी के अलावा जिला स्तरीय अधिकारियों को भी अवगत कराएं।
सीएमओ डा. सुरेश पटारिया ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। खासकर उन क्षेत्रों में यह व्यवस्था की गई है, जहां गांवों से सरकारी अस्पताल 15 से 20 किमी की दूरी पर हैं। न्यू स्वास्थ्य उपकेंद्र पर एएनएम लोगों का प्राथमिक उपचार करेंगी। नए सभी केंद्रों को संचालित करने के लिए किराए पर भवन लिए गए हैं, भूमि मिलने पर भवन का निर्माण कराया जाएगा।