पोस्ट कोविड मरीजों की समस्या बढ़ा सकता है पटाखे का धुंआ
मेडिकल कालेज के चेस्ट फिजीशियन डा.प्रवीण गौतम का कहना है कि शहर से लेकर गांव तक एक बड़ी संख्या ऐसी हैजो कोविड पाजिटिव तो हुए लेकिन उन्होंने जांच नहीं कराया। दुकान से दवा लेकर खा कर ठीक हो गए। कोविड से अलग-अलग स्तर तक लोगों का फेफड़ा प्रभावित हुआ है। सभी के लिए धुंआ नुकसानदेह है।
बस्ती : इस दीपावली पटाखा फोड़ने से लोगों को परहेज करना होगा। कोविड संक्रमण के शिकार रहे लोगों को (पोस्ट कोविड मरीजों) के लिए पटाखे का धुंआ उनकी समस्या बढ़ा सकती है।
मेडिकल कालेज बस्ती के प्राचार्य डा.मनोज कुमार ने इसको लेकर सतर्कता बरतने की अपील की है। कहा कि कोविड की दूसरी लहर में ज्यादा मामले सिम्टोमेटिक थे और उसमें बड़ी संख्या में गंभीर मरीजों की रही। जिले में 11 हजार से ज्यादा लोग कोरोना पाजिटिव हुए तथा इसमें से कई ऐसे हैं,जो गंभीर हालत से गुजरते हुए कोरोना से ठीक हो चुके हैं। इसमें कम उम्र के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं। कोरोना का प्रभाव सबसे ज्यादा बीमार के फेफड़ों पर पड़ता है। कोविड पाजिटिव रहे काफी लोग ऐसे हैं,जिनका फेफड़ा पूर्व की तरह न होकर कमजोर है, ऐसे में धुआं उनके लिए जहर हो सकता है। दोबारा सांस फूलने की समस्या बढ़ने पर उन्हें अस्पताल तक में भर्ती होना पड़ सकता है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि कोरोना के पूर्व मरीजों के स्वास्थ्य को देखते हुए इस साल पटाखा न फोड़े। लोगों को चाहिए कि परिवार के लोगों को पटाखा फोड़ने से मना करें तथा अपने पड़ोसियों को भी ऐसा न करने की अपील करें।
क्या कहते हैं चेस्ट फिजीशियन मेडिकल कालेज के चेस्ट फिजीशियन डा.प्रवीण गौतम का कहना है कि शहर से लेकर गांव तक एक बड़ी संख्या ऐसी है,जो कोविड पाजिटिव तो हुए लेकिन उन्होंने जांच नहीं कराया। दुकान से दवा लेकर खा कर ठीक हो गए। कोविड से अलग-अलग स्तर तक लोगों का फेफड़ा प्रभावित हुआ है। सभी के लिए धुंआ नुकसानदेह है। जिन लोगों का सीटी स्कोर 22 से 25 फीसद तक है, उनके लिए पटाखा का धुआं गंभीर खतरा है। कोविड प्रभावित रहे लोगों को चाहिए कि नियमित रूप से मास्क का प्रयोग करें। धुंआ से दूर रहें।