एफसीआइ के गोदाम फुल, प्रतिदिन निकल रहा 18 हजार मीट्रिक टन चावल- रखने की जगह नहीं

एफसीआइ के नौ में से पांच गोदाम पूरी तरह से फुल हो चुके हैं। जो गोदाम हैं भी उनमें करीब 22 हजार मीट्रिक टन अनाज रखने की ही क्षमता रिक्त है और प्रतिदिन मिलों से 300 लाट यानी 18000 मीट्रिक टन चावल निकल रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 09:05 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 09:05 AM (IST)
एफसीआइ के गोदाम फुल, प्रतिदिन निकल रहा 18 हजार मीट्रिक टन चावल- रखने की जगह नहीं
एफसीआई के गोदाम फुल हो गए हैं। इससे चावल भंडारण पर संकट पैदा हो गया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, उमेश पाठक। धान खरीद को लेकर सरकार की ओर से की गई बेहतर व्यवस्था का असर यह रहा कि मंडल के सभी जिलों में लक्ष्य से अधिक खरीद कुछ दिन पहले ही हो चुकी है। इतना धान खरीदा जा चुका है कि उससे मिलने वाले चावल के भंडारण को लेकर समस्या खड़ी हो गई है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के नौ में से पांच गोदाम पूरी तरह से फुल हो चुके हैं। जो गोदाम हैं भी, उनमें करीब 22 हजार मीट्रिक टन अनाज रखने की क्षमता रिक्त है और प्रतिदिन मिलों से 300 लाट यानी 18000 मीट्रिक टन चावल निकल रहा है। हजारों मीट्रिक टन चावल के भंडारण का संकट गहराता जा रहा है।

गोरखपुर मंडल में एफसीआइ के नौ गोदाम हैं। गोरखपुर जिले में तीन, महराजगंज में तीन, देवरिया में दो व कुशीनगर में एक गोदाम है। इसमें से गोरखपुर के गीडा स्थित गोदाम, महराजगंज के तीनों गोदाम, देवरिया का रघवापुर स्थित गोदाम पूरी तरह से भरा है।

गोदाम की होगी वैकल्पिक व्यवस्था

गोदाम में जगह की किल्लत देखते हुए एफसीआइ चौरीचौरा व देवरिया में एक-एक गोदाम किराए पर लेने की योजना बना रहा है। इन गोदामों की मरम्मत भी करायी जाएगी। पर, यहां भी अधिकतम 25 हजार मीट्रिक टन से अधिक चावल नहीं रखा जा सकता। रविवार की शाम को खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में यहां से कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) बाहर भेजने की अपील की गई है। पूरे प्रदेश से 50 हजार मीट्रिक टन सीएमआर के लिए रेक की व्यवस्था थी, इसमें से आधा गोरखपुर को देने पर विचार किया जा रहा है।

साल भर की जरूरत से अधिक है चावल

अभी तक मंडल में करीब पांच लाख 45 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हो गई है। मिलों पर कुटाई के बाद तीन लाख 88 हजार मीट्रिक टन सीएमआर प्राप्त हो चुका है। इसे गोदाम में रखना है। प्रति माह करीब 24 हजार मीट्रिक टन चावल की खपत है। इस तरह एक साल के उपयोग से अधिक सीएमआर उपलब्ध हो चुका है। बाहर से आने वाली अनाज की रेक को फिलहाल स्थगित करने पर भी विचार किया जा रहा है।

जिला गोदाम कुल भंडारण क्षमता रिक्त भंडारण सीएमआर उतार की क्षमता

गोरखपुर नकहा 29800  2000             1800

कूड़ाघाट 28500        500             1200

गीडा 30240          शून्य             1800

महराजगंज बनगड़िया 40000 शून्य         3600

जोगियाबारी 10000       शून्य          1500

लोहरपुरवा 7000         शून्य          900

देवरिया रघवापुर 12180   शून्य           1800

उसरा बाजार 30240    1422             2700

कुशीनगर 90000   18339.79             2700

नोट : आंकड़े 16 जनवरी तक के हैं। सभी आंकड़े मीट्रिक टन में दिए गए हैं।

रोजाना निकल रहे सीएमआर के भंडारण को लेकर थोड़ी समस्या आ रही है। एफसीआइ के साथ मिलकर इसका निदान ढूंढा जा रहा है। एफसीआइ कुछ गोदाम किराए पर लेगी। इसके साथ ही शासन से रेक उपलब्ध कराने की मांग की गई है, जिससे सीएमआर बाहर भेजा जा सके। - संजीव रंजन, संभागीय खाद्य नियंत्रक। 

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