Panchayat Election 2021: गोरखपुर में प्रधानी चुनाव में बाप-बेटा और ससुर-बहू आमने-सामने Gorakhpur News
भटहट ब्लाक के भटहट ग्राम पंचायत में दो दंपति और एक ससुर-बहू आमने-सामने हैं। इस ग्राम पंचायत में कनिकलाल यादव और उनकी पत्नी चंपा देवी दोनों एक-एक बार प्रधान रह चुकी हैं। इस बार भी दोनों चुनाव मैदान में हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का रोमांच धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। ग्राम प्रधान पद को लेकर अजब-गजब नजारे देखने को मिल रहे हैं। कई गांव ऐसे हैं जहां पति-पत्नी, ससुर-बहू, देवरानी-जेठानी और पिता-पुत्र चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं। भटहट ब्लाक में यह स्थिति कुछ अधिक ही नजर आ रही है। ब्लाक के एक गांव में पिता 'खड़ाऊं चुनाव निशान के साथ मैदान में हैं तो उनके सामने उनका पुत्र 'गदा निशान लेकर मैदान में जोर आजमाइश कर रहा है। प्रधानी की दावेदारी किसी भी सूरत में बरकरार रखने के लिए इन घरों से कई पर्चे दाखिल हो गए थे लेकिन समय से ये पर्चा वापस नहीं ले सके। कुछ ऐसे सगे-संबंधी भी हैं जो खुलकर एक-दूसरे के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं।
ससुर और बहू भी आमने-सामने
भटहट ब्लाक के भटहट ग्राम पंचायत में दो दंपति और एक ससुर-बहू आमने-सामने हैं। इस ग्राम पंचायत में कनिकलाल यादव और उनकी पत्नी चंपा देवी, दोनों एक-एक बार प्रधान रह चुकेे हैं। इस बार भी दोनों चुनाव मैदान में हैं। इसी गांव से पिंटू गुप्ता और अंजू गुप्ता भी एक-दूसरे के सामने चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों का पर्चा वैध हुआ था और प्रतीक चिन्ह भी आवंटित किया गया है। इसी तरह ओमप्रकाश के सामने उनकी बहू अदिति भी चुनाव मैदान में हैं। इसी ब्लाक के गांव जंगल हरपुर में परफार्मेंस ग्रांट का करीब 11 करोड़ रुपया आवंटित है। यहां के मतपत्र में रामवृक्ष के सामने उनका बेटा खड़ा नजर आ रहा है। रामवृक्ष पहले प्रधान रह भी चुके हैं। वैध पर्चे के आधार पर रिटर्निंग आफिसर ने सभी को प्रतीक चिन्ह दे दिया है। अब इन प्रत्याशियों को मतदाताओं को समझाने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। एक ही परिवार से प्रभावित रहने वाले मतदाता उहापोह में हैं। सामान्य प्रत्याशियों की तुलना में इन गांवों के प्रत्याशियों को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ रही है। उन्हें डर है कि एक भी वोट उनके घर के दूसरे प्रत्याशी को मिला तो उसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। खजनी ब्लाक के सोपरा गांव में भी कुछ इसी तरह का ²श्य नजर आ रहा है। यहां सगी देवरानी और जेठानी चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं। उनके मुकाबले चचेरी जेठानी ने भी इसी पद पर ताल ठोंकी है।