आग से फसल जली तो किसानों को मिलेगा मुआवजा, प्रशासन ने शुरू की तैयारी

आग से गेहूं की फसल जली तो किसानों को इसका मुआवजा दिया जाएगा। गोरखपुर में बीतेे दिनों तीन हजार एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में खड़ी फसल जलकर राख हो गई है। प्रशासन की ओर से नुकसान का आकलन किया जा रहा है। सभी किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 06 Apr 2021 11:20 AM (IST) Updated:Tue, 06 Apr 2021 11:20 AM (IST)
आग से फसल जली तो किसानों को मिलेगा मुआवजा, प्रशासन ने शुरू की तैयारी
गोरखपुर में गेहूं के खेत में लगी आग। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। आग लगने से जलकर नष्ट हुई गेहूं की फसल का मुआवजा पीड़ित किसानों को दिया जाएगा। तीन हजार एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में खड़ी फसल जलकर राख हो गई है। प्रशासन की ओर से नुकसान का आकलन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री खेत-खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के तहत सभी किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

ऐसे मिलेगा मुआवजा

जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देने को कहा है। बांसगांव क्षेत्र के पीड़ित किसानों ने सोमवार को एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार सिंह से मिलकर बात की। उन्होंने मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है। एडीएम ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को बीमा का लाभ किस तरह से मिल सकता है, इस संबंध में रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश योजना से जुड़े अधिकारियों को दिया है। राजेश सिंह ने किसानों से भी अपील की कि वे फसल की क्षति के लिए मुख्यमंत्री खेत-खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के अंतर्गत किसी भी जनसेवा केंद्र से ई डिस्टिक्ट पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करें। यह भी अपील की कि राजस्व विभाग के कर्मचारी सर्वेक्षण के लिए जाएं तो उन्हें अपने बैंक पासबुक और आधार कार्ड का डिटेल भी प्रदान करें, ताकि आवेदन में दिए गए तथ्य सही मिलें तो किसान के खाते में मुआवजा राशि भेजी जा सके। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत भी किसानों को मुआवजा मिलेगा। जिलाधिकारी ने बताया कि किसानों को उनके नुकसान के बराबर मुआवजा मिलेगा।

मुआवजा मिलने का नियम

किसान योजना के तहत मुआवजा के लिए 90 दिन के भीतर आवेदन किया जा सकता है। योजना के अंतर्गत पांच एकड़ से अधिक जोत पर सहायता राशि 50 हजार, ढाई एकड़ की जोत पर सहायता राशि 30 हजार और पांच एकड़ की जोत पर सहायता राशि 40 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान है।

फसल अवशेष जलाने पर योजनाओं के लाभ से वंचित हो जाएंगे किसान

खेत में फसल अवशेष जलाने की पुनरावृत्ति करने वाले किसानों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ऐसे किसानों को केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाली तमाम सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा। साथ ही 15 हजार रुपये तक जुर्माना भी अदा करना पड़ सकता है। उप निदेशक (डीडी) कृषि संजय सिंह ने किसानों से फसल अवशेष न जलाने की अपील करते हुए इसके निस्तारण का उपाय सुझाया है। उप निदेशक कृषि ने बताया कि फसल अवशेष जलाने पर दो एकड़ से कम खेत होने की स्थिति में किसान से 25 सौ रुपये जुर्माना वसूल किया जाएगा। दो एकड़ से अधिक और पांच एकड़ से कम खेत होने पर पांच हजार तथा पांच एकड़ से अधिक खेत में फसल अवशेष जलाने पर 15 हजार रुपये प्रति घटना की दर से जुर्माना वसूल किया जाएगा।

रिपर मालिक पर मुकदमा दर्ज

आमी नदी के कछार क्षेत्र में रविवार को रिपर से निकली चिंगारी के चलते सैकड़ों बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई थी। बांसगांव पुलिस ने छानबीन के बाद रिपर मालिक भुसवल निवासी भीम सिंह के विरुद्ध धारा 435 मुकदमा पंजीकृत किया है। नगर पंचायत बांसगांव निवासी रामप्रताप सिंह, इंद्रजीत सिंह, रामनाथ सिंह तथा केदार नाथ सिंह ने पुलिस को सौंपी गई तहरीर के माध्यम से बताया है कि चार अप्रैल को दोपहर में भुसवल निवासी भीम सिंह की भूसा बनाने वाली मशीन से निकली चिंगारी से ताल अमियार तथा आसपास के गांवों के सिवान की गेहूं की फसल जल गई थी।

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