फर्जी शिक्षक भर्ती: केवल मुकदमा दर्ज तक सिमटी कार्रवाई, पुलिस की सुस्ती पर उठ रहे सवाल Gorakhpur News
देवरिया जिले में परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। शिक्षक भर्ती में हुई गड़बड़ी की जांच एसटीएफ कर रही है। अभी तक छह से अधिक मुकदमे एसटीएफ ने दर्ज कराए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया जिले में परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। शिक्षक भर्ती में हुई गड़बड़ी की जांच एसटीएफ कर रही है। अभी तक छह से अधिक मुकदमे एसटीएफ ने दर्ज कराए हैं। एसटीएफ की रिपोर्ट के बाद जिले में 36 मुकदमे खंड शिक्षा अधिकारियों ने दर्ज कराए हैं, लेकिन पुलिस की जांच जस की तस बनी हुई है। पुलिस न तो गिरोह का पर्दाफाश कर पा रही है और न ही अन्य फर्जी शिक्षकों तक पहुंच पा रही है।
गिरोह के सरगना तक पुलिस के नहीं पहुंच पा रहे हाथ
एसटीएफ ने सदर कोतवाली में दो, खुुखुंदू में एक, भटनी में एक समेत जनपद के विभिन्न थानों में छह से अधिक फर्जी शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। साथ ही फर्जी शिक्षकों को जेल भेजा है। एसटीएफ ने बीएसए कार्यालय के बाबू समेत अन्य फर्जी शिक्षकों का भी अपने मुकदमे में जिक्र किया है, लेकिन पुलिस की जांच में अन्य नाम प्रकाश में नहीं आ रहे हैं। इसके अलावा जनपद के विभिन्न थानों में शिक्षा विभाग की तरफ से भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं। मुकदमा दर्ज तो हुआ है, लेकिन पुलिस की जांच में सरगना का नाम सामने नहीं आ पा रहा है। कहा जा रहा है कि जिले में कई ऐसे सरगना हैं, जिनके पास तक पुलिस की जांच या एसटीएफ की जांच नहीं पहुंच पा रही है। अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सोनकर ने बताया कि विवेचनाएं चल रही है। जांच के दौरान जो भी नाम सामने आएंगे। उनका नाम विवेचना में शामिल किया जाएगा।
तीन हजार दबंगों को रेड कार्ड देने की तैयारी
देवरिया जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पुलिस तीन हजार दबंगों को पुलिस रेड कार्ड जारी करेगी।इसमें कुछ दबंग प्रत्याशी शामिल हैं। इसके अलावा पांच हजार ऐसे लोग हैं, जिनको पुलिस चेतावनी यानी येलो कार्ड देगी। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को देखते हुए पुलिस ने अभी तक 12 हजार लोगों को 107, 116 में पाबंद कर चुकी है। तीन हजार ऐसे लोगों को भी पुलिस ने चिन्हित किया है, जिनसे चुनाव में बवाल होने की संभावना है। क्षेत्राधिकारियों की तरफ से ऐसे दबंगों को रेड कार्ड देने की तैयारी की गई है, ताकि उनके बूथ पर किसी तरह की दिक्कत होने पर दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किया जा सके।