MMMUT: इंजीनियरिंग छात्रों की सुविधा शुल्क माफ, आठ हजार से 15 हजार तक की छूट Gorakhpur News
विद्यार्थी हित यह महत्वपूर्ण फैसला विश्वविद्यालय के अधिष्ठाताओं की आनलाइन बैठक में लिया गया। निर्णय लिया गया कि सम-सेमेस्टर पंजीकरण के दौरान इंटरनेट कंप्यूटर मनोरंजन वाहन छात्रावास छात्र क्रिया-कलाप आदि मद में विद्यार्थियों से ली जा रही फीस को माफ कर दी जाए।
गोरखपुर, जेएनएन। कोविड संक्रमण के चलते पठन-पाठन और स्वास्थ्य दोनों को लेकर परेशान विद्यार्थियों को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने बड़ी आर्थिक राहत दी है। विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों की उस फीस को माफ करने का निर्णय लिया है, जो विवि की ओर से विद्यार्थियों को तरह-तरह की सुविधा देने के लिए ली जाती है। विश्वविद्यालय के इस फैसले से छात्रवासी विद्यार्थियों के 15665 रुपये माफ हो जाएंगे जबकि गैर छात्रावासी विद्यार्थियों को 8274 रुपये की छूट मिलेगी।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिया सहूलियत भरा फैसला
विद्यार्थी हित यह महत्वपूर्ण फैसला विश्वविद्यालय के अधिष्ठाताओं की आनलाइन बैठक में लिया गया। बैठक के दौरान नव प्रवेशी विद्यार्थियों की उस मांग पर विचार हुआ, जिसमें उन्होंने कोविड महामारी के चलते पठन-पाठन के बदले स्वरूप का जिक्र करते हुए सुविधा के नाम पर विभिन्न मदों में ली जा रही फीस को माफ करने की मांग उठाई थी। विद्यार्थियों की मांग को जायज और मौजू मानते हुए सभी अधिष्ठाताओं ने निर्णय लिया कि सम-सेमेस्टर पंजीकरण के दौरान इंटरनेट, कंप्यूटर, मनोरंजन, वाहन, छात्रावास, छात्र क्रिया-कलाप आदि मद में विद्यार्थियों से ली जा रही फीस को माफ कर दिया जाए। यह फैसला बीटेक, एमएससी, एमबीए, एमसीए आदि हर पाठ्यक्रम पर लागू होगा।
सम-सेमेस्टर में पंजीकरण की चल रही प्रक्रिया
कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने अधिष्ठाताओं के इस निर्णय को वित्त समिति और प्रबंध बोर्ड से अनुमति की प्रत्याशा में तत्काल प्रशासनिक अनुमोदन प्रदान कर दिया है। ऐसे में विश्वविद्यालय के इस फैसले का विद्यार्थियों को तत्काल फायदा मिलने जा रहा है क्योंकि सम-सेमेस्टर में पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है और यह अभी 22 मई तक चलेगी। निर्णय लेने वालों मेें अधिष्ठाता छात्र मामले प्रो. राकेश कुमार, अधिष्ठाता स्नातक अध्ययन प्रो. एसके सोनी, अधिष्ठाता परास्नातक अध्ययन प्रो. एके श्रीवास्तव, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. केजी उपाध्याय और परीक्षा नियंत्रक प्रो. एएन तिवारी शामिल रहे।
एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते विद्यार्थी परिसर में नहीं हैं। ऐसे में उन्हें उन सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा, जिसके लिए उनसे फीस ली जाती है। इसलिए ऐसी सभी फीस को माफ करना विद्यार्थी हित में जरूरी था। निर्णय को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।