मिनी औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योग लगाने से परहेज कर रहे उद्यमी Gorakhpur News

देवरिया में औद्योगिक विकास का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। मिनी औद्योगिक क्षेत्रों में एक तरफ जहां बुनियादी सुविधाएं नदारद हैं तो दूसरी तरफ उद्योग लगाने से उद्यमी परहेज कर रहे हैं। भूखंड आवंटित कराने तक ही मामला सिमट कर रह गया है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 05:15 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 05:15 PM (IST)
मिनी औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योग लगाने से परहेज कर रहे उद्यमी Gorakhpur News
मिनी औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग लगाने से कतरा रहे हैं व्‍यवसायी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया जिले में औद्योगिक विकास का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। मिनी औद्योगिक क्षेत्रों में एक तरफ जहां बुनियादी सुविधाएं नदारद हैं तो दूसरी तरफ उद्योग लगाने से उद्यमी परहेज कर रहे हैं। भूखंड आवंटित कराने तक ही मामला सिमट कर रह गया है। विभागीय अधिकारी कार्रवाई से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है। भाटपाररानी औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना वर्ष 1991 में हुई। 4.66 एकड़ भूमि पर 52 भूखंड तैयार किए गए, जिसमें 46 भूखंड आवंटित कर दिए गए। छह भूखंड पर विवाद चल रहा है। एक भी इकाई चालू नहीं हो सकी है।

औद्योगिक क्षेत्र की भूमि को दे दिया कांशीराम शहरी आवास योजना के लिए

बरहज व रुद्रपुर में औद्योगिक क्षेत्र की भूमि को कांशीराम शहरी आवास योजना के लिए दे दिया गया। बरहज में वर्ष 1990 में 2.50 एकड़ भूमि चिह्नित की गई। इस भूमि पर 36 भूखंड आवंटित किए गए, लेकिन कांशीराम शहरी आवास योजना के लिए दे दिए जाने के कारण एक भी उद्योग नहीं लगाए जा सके हैं। वर्ष 1990 में रुद्रपुर औद्योगिक क्षेत्र के नाम 4.66 एकड़ भूमि चिह्नित की गई। इस पर 32 भूखंड विकसित किए गए, लेकिन चार भूखंड ही आवंटित हुए। शेष भूमि कांशीराम शहरी आवास योजना के तहत अधिग्रहित कर ली गई।

पथरदेवा में चिह्नि‍त की गई मिनी औद्योगिक क्षेत्र के लिए भू‍म‍ि

पथरदेवा में वर्ष 1992 में मिनी औद्योगिक क्षेत्र के लिए 2.50 एकड़ भूमि चिह्नित की गई। इस पर 44 भूखंड विकसित किए गए। सभी भूखंड आवंटित कर दिए गए। कुछ दिन पहले दो लोगों ने 12 भूखंड पर सेफ्टी टैंक बनाने का काम शुरू किया है। शेष इकाइयां बंद हैं। गौरीबाजार औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना 1989 में हुई। 2.29 एकड़ भूमि पर 33 भूखंड विकसित किए गए। अभी तक 16 इकाइयां कार्यरत हैं। शेष इकाइयां बंद हैं।

उद्याेग चालू नहीं हुए तो नोटिस जारी कर होगी निरस्‍तीकरण की कार्रवाई

उपायुक्त उद्योग कृष्ण कुमार अमर ने बताया कि मिनी औद्योगिक क्षेत्रों पर इकाइयां शुरू कराने के लिए कोशिश जारी है। लोगों को मौका दिया गया है। यदि उद्योग चालू नहीं हुए तो नोटिस जारी कर निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।

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