गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई इस भवन में होगी

इंस्टीट्यूट के समन्वयक प्रो. शांतनु रस्तोगी ने बताया कि मूल्यांकन भवन में इन्फार्मेशन टेक्नालाजी कंप्यूटर साइंस इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई होगी। भवन के भूमि तल पर डायरेक्टर डीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार और एकाउंट अफसर का कार्यालय होगा।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 05:14 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 05:14 PM (IST)
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई इस भवन में होगी
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के मुख्‍य द्वार का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में इस सत्र से शुरू होने वाले स्व-वित्तपोषित इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के संचालन की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके लिए विश्वविद्यालय के मूल्यांकन भवन में इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग की स्थापना हो चुकी है। विभागवार अध्ययन कक्ष भी निर्धारित कर लिया गया है।

इंजीनियरिंग के चार विषयों की होगी पढ़ाई

इंस्टीट्यूट के समन्वयक प्रो. शांतनु रस्तोगी ने बताया कि मूल्यांकन भवन में इन्फार्मेशन टेक्नालाजी, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई होगी। भवन के भूमि तल पर डायरेक्टर, डीन, असिस्टेंट रजिस्ट्रार और एकाउंट अफसर का कार्यालय होगा। भूमि तल पर कमेटी रूम, प्लेसमेंट सेल एवं ट्रेनिंग और रिसर्च एंड डेवलपमेन्ट सेल बनाया जाएगा। एआइसीटीई के मानकों के अनुसार लाइब्रेरी, ई-रिसोर्सेज, रिसेप्शन और वेटिंग रूम भी भूमि तल पर ही बनाया गया है।

आइटी के लिए छह क्‍लास रूम तैयार

इंस्टीट्यूट की सलाहकार ई. एपी सिंह ने बताया कि मूल्यांकन भवन के प्रथम तल पर डिपार्टमेंट आफ आइटी एंड कप्यूटर साइंस स्थापित किया गया है। आइटी की पढ़ाई के लिए छह क्लासरूम तथा छह लैब बनाए जाएंगे। ऐसे ही कंप्यूटर साइंस के लिए भी छह क्लासरूम तथा छह लैब तैयार किये गए है। मूल्यांकन भवन के दूसरे तल पर सिविल एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग होगा। मेकैनिकल इंजीनियरिंग की वर्कशाप भौतिक विज्ञान विभाग में बनाई गई है।

सेडिका के स्नातक में प्रवेश के लिए आवेदन अब 10 अगस्‍त तक

सेंट एंड्रयूज कालेज प्रशासन ने स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए आवेदन की तिथि 10 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है। कालेज प्राचार्य प्रो. जेके लाल ने बताया कि यह निर्णय अभ्यर्थिंयों की मांग को देखते हुए लिया गया है। अभ्यर्थिंयों ने कोविड संक्रमण का हवाला देते हुए तिथि विस्तार की मांग की थी।

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