गोरखपुर के अस्पतालों में खाली हुए बेड, मरीजों को मिलने लगी जगह
गोरखपुर में एक मई को सभी सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में 1549 मरीज भर्ती थे। 13 मई को भर्ती मरीजों की संख्या 1509 हो गई है। इन 12 दिनों में रेलवे अस्पताल को छोड़कर सभी सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या कम हुई है।
गोरखपुर, जेएनएन। अब अस्पतालों में बेड खाली होने लगे हैं। इससे होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे मरीजों को आसानी से जगह मिल जा रही है। एक मई को सभी सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में 1549 मरीज भर्ती थे। 13 मई को भर्ती मरीजों की संख्या 1509 हो गई है। इन 12 दिनों में रेलवे अस्पताल को छोड़कर सभी सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या कम हुई है। अनेक निजी अस्पतालों में मरीज कम हुए तो अनेक में इनकी संख्या बढ़ी भी। लेकिन सब मिलाकर भर्ती मरीजों की संख्या में गिरावट ही आई है।
कम हो गई मरीजों को भर्ती कराने के लिए चल रही मारामारी
सरकारी अस्पतालों में जगह खाली होने से निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे अनेक मरीज अधिक खर्च को देखते हुए बीआरडी व टीबी अस्पताल में शिफ्ट हो गए। इससे अनेक निजी अस्पतालों में अब बेड खाली हो गए हैं। हालांकि कुछ में एक मई की अपेक्षा 13 मई को ज्यादा मरीज भर्ती थे। इनमें पैनेसिया, फातिमा, शाही ग्लोबल हास्पिटल, टाइमनीयर, अभिज्ञा आदि हैं। निजी अस्पतालों में इलाज का मनमाना चार्ज वसूले जाने की शिकायतों को जब प्रशासन ने गंभीरता से लिया और सख्ती की तो वहां भी इलाज सस्ता हो गया। इस वजह से अब निजी अस्पतालों में भी लोग भर्ती हो रहे हैं। लेकिन अनेक निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या घटी है।
अस्पतालों में 01 व 13 मई को भर्ती मरीज
अस्पताल 01 मई 13 मई
बीआरडी 463 436
नेहरू 50 32
टीबी 75 60
रेलवे 25 25
एयरफोर्स 47 22
आज-कल में बढ़ सकते हैं 230 बेड
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि एम्स में 30 बेड का कोविड अस्पताल लगभग तैयार है। कुछ जरूरी चीजें उपलब्ध होने के बाद वह शुरू जाएगा। इसके अलावा पांच निजी अस्पतालों को भी कोविड वार्ड बनाने की अनुमति आज-कल में दे दी जाएगी, इससे 200 बेड और बढ़ जाएंगे। एक-दो दिन में हमारे पास 230 बेड और तैयार हो जाएंगे।
जनरेटर बंद होने से आक्सीजन सप्लाई बाधित, दो मरीजों की मौत
शाहपुर में जेल बाईपास रोड पर स्थित आरोही हास्पिटल का जनरेटर पड़ोसियों ने बंद कर दिया, जिसकी वजह से दो मरीजों की मौत हो गई थी। प्रबंधक का आरोप है कि आक्सीजन सप्लाई बाधित हो गई थी।तहरीर के आधार पर पुलिस ने अज्ञात लोगों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्रबंधक अंकित पांडेय ने पुलिस को दी तहरीर में लिखा है कि 10 मई की दोपहर 12.10 बजे के करीब बिजली कटने पर कर्मचारियों ने जनरेटर चालू किया था।जनरेटर के आवाज करने का आरोप लगाते हुए पड़ोस में रहने वाले लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। जान से मारने की धमकी देते हुए जनरेटर बंद कर दिया जिसकी वजह से अस्पताल में आक्सीजन की सप्लाई बाधित हो गई।आक्सीजन की कमी से दुरियापुरी निवासी नीलम श्रीवास्तव पुत्री एके श्रीवास्तव और रामजानकीनगर निवासी गुड्डी देवी पुत्री हरीश चंद्र की मौत हो गई। प्रभारी निरीक्षक शाहपुर संतोष सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है।