रोजगार मेला : 5127 को मिला रोजगार, 7873 पदों के लिए नहीं मिले योग्य अभ्यर्थी Gorakhpur News

गोरखपुर में आयोजित रोजगार मेले में आईं 91 कंपनियों ने 5127 युवाओं को नौकरी दी। साक्षात्कार में 20 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 10 Feb 2020 12:12 PM (IST) Updated:Mon, 10 Feb 2020 12:12 PM (IST)
रोजगार मेला :  5127 को मिला रोजगार, 7873 पदों के लिए नहीं मिले योग्य अभ्यर्थी Gorakhpur News
रोजगार मेला : 5127 को मिला रोजगार, 7873 पदों के लिए नहीं मिले योग्य अभ्यर्थी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। रोजगार मेले में आईं 91 कंपनियों ने 5127 युवाओं को नौकरी दी। साक्षात्कार में 20 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। मेले के लिए 83 कंपनियों ने अपनी सहमति दी थी, जिनके पास कुल 12948 पद थे। आठ कंपनियां मौके पर आ गईं, जिन्हें 52 पदों पर भर्ती करनी थी। जिन युवाओं का चयन हुआ, उन्हें मौके पर नियुक्ति पत्र सौंपे गए। 7873 पद रिक्त रह गए।

यहां रही युवाओं की अधिक भीड़

सिक्योरिटी इंटेलीजेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के काउंटर पर 400 युवाओं ने साक्षात्कार दिया। इनमें 102 चयनित हुए। वेलस्पून इंडिया के काउंटर पर 220 अभ्यर्थियों में 200 तो ऊर्जा गासिफायर्स प्राइवेट लिमिटेड के काउंटर पर 204 अभ्यर्थियों में से 148 का चयन हुआ। श्रीगणेश प्रेस एंड कोट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मेगा माइंड सॉल्यूशन आदि के काउंटरों पर भी युवाओं की भारी भीड़ रही।

पंजीयन को लेकर उहापोह

आयोजकों द्वारा बताया गया था आइटीआइ, कौशल विकास व सेवायोजन कार्यालय ने ऑनलाइन और ऑफलाइन मिलाकर 16 हजार से अधिक लोगों का पंजीकरण किया था। 13 हजार लोगों ने स्पाट पंजीयन कराया। मेले में साक्षात्कार के लिए आने वालों की संख्या 20 हजार रही। इस बारे में अपर निदेशक सेवायोजन पीके पुंडीर ने बताया कि बस्ती, आजमगढ़ मंडल से भी बड़ी संख्या में लोग आए। हो सकता है, पहले से पंजीकृत लोगों ने स्पाट पंजीयन भी करा लिया हो।

स्पॉट पंजीयन के लिए थे 60 काउंटर

रोजगार मेले में सुबह नौ बजे से युवाओं का पंजीयन शुरू हो गया। पंजीयन के लिए पहले 34 काउंटर बनाए जाने थे। ज्वाइंट डायरेक्टर आइटीआइ राजेश राम ने बताया कि लोगों की की सुविधा के लिए 60 काउंटर बनाए गए।

दिखे रोजगार के विकल्प तो चमक उठीं आंखें

बेरोजगारी के दौर में रोजगार के विकल्प दिखें तो युवाओं में उत्साह लाजिमी है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के क्रीड़ा परिसर में रविवार को कुछ ऐसा ही माहौल था। परिसर में देशभर की 91 नामी-गिरामी कंपनियां रोजगार देने के लिए मौजूद थीं, तो हजारों की संख्या में प्रशिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियां उनमें अपने रोजगार तलाश रहे थे। कुछ देर के लिए ही सही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी युवाओं का उत्साह बढ़ा गई। विश्वविद्यालय परिसर में वृहद रोजगार मेले का लाभ उठाने के लिए सुबह से ही गोरखपुर-बस्ती व आजमगढ़ मंडल के जिलों से प्रशिक्षित युवाओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। नौ बजते-बजते हजारों की संख्या में पहुंचे युवा पंजीकरण की प्रक्रिया में भाग लेने लगे। मुख्यमंत्री के मंच पर पहुंचने तक यह क्रम चलता रहा।

अपनी सफलता की कहानी सुनाई

मंच के आयोजन की शुरुआत तब और प्रेरणादायी हो गई जब दो महिलाओं स्वाति जायसवाल व धनेश्वरी विश्वकर्मा ने सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी सफलता की कहानी सुनाई। प्रदेश सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह कहकर युवाओं में जोश भर दिया कि वह दिन दूर नहीं जब राज्य में कोई बेरोजगार नहीं होगा। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में 1.21 लाख युवाओं को रोजगार दिया, जबकि योगी सरकार ने महज तीन वर्ष में ही सवा तीन लाख युवाओं को रोजगार देकर कीर्तिमान स्थापित किया है। मुख्यमंत्री ने जब संबोधन शुरू किया तो पंडाल में मौजूद युवाओं का जोश बढ़ता चला गया। उन्होंने इन्वेस्टर्स समिट, डिफेंस एक्सपो व कौशल विकास मिशन की चर्चा कर युवाओं को सुनहरे भविष्य के सपने दिखाए। साथ ही उन्हें आत्मविश्वास के साथ आगे बढऩे की नसीहत भी दी।

किसी ने फोन पर दी बधाई, कोई घर जाकर सरप्राइज की रहा था तैयारी

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में रविवार को आयोजित वृहद रोजगार मेले में नौकरी मिलने के बाद युवाओं की खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने महसूस किया कि नौकरी मिलने से बेरोजगारी का दाग मिटेगा। नौकरी मिलने से सर्वाधिक उत्साहित युवतियां रहीं। उनका कहना था कि उनकी छोटी सी आय से घर की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। मेले में 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष आयु वर्ग वालों के लिए नौकरी थीं, पर नौकरी पाने वालों में अधिकांश 30 वर्ष से कम के ही दिखे। मंशाबाग कालोनी की अंजली (20) पुत्री को हेल्थ एडवाइजर की जॉब मिली है। वह कहतीं हैं नौकरी मिलने से कोई बेरोजगार नहीं कह सकेगा। पिता व्यापारी हैं। अब घर की अर्थव्यवस्था में उनकी भी आय जुड़ेगी। आदर्शनगर की नुपुर मिश्रा(23) पुत्री स्व.बलदेव मिश्रा का कहना है कि तीन माह वह दिल्ली एचसीएल में नौकरी कर रही थीं। घर आना चाहती थीं। यहां आने पर नौकरी मिल गई। मंशाबाग की शालिनी विश्वकर्मा (24) व प्रतिमा विश्वकर्मा सगी बहने हैं। दोनों नौकरी मिलने से बेहद खुश हैं। वह नानी के घर रहती हैं। वह घर जाकर नानी को सरप्राइज देंगी। आदर्शनगर कालोनी की शालिनी गुप्ता(19) पुत्री भूपति प्रसाद का कहना है कि नौकरी मिलने से आत्मनिर्भर होने की फीलिंग आने लगी है।

अब न कहना बेरोजगार

वर्ष भर पूर्व सेवायोजन कार्यालय में नौकरी के लिए इंटरव्यू दिया था, पर किन्हीं कारणों से चयनित नहीं हो सका। इस बार इलेक्ट्रिशियन कर जॉब मिली है। सेलरी भी ठीक है। अब कोई बेरोजगार नहीं कहेगा। - नितेश कुमार, असुरन चौक

पापा, मुझे नौकरी मिल गई

पापा नौकरी मिल गई है। पूछे क्या-क्या जानते हो। बता दिया कि टीवी, फ्रिज, कूलर सब कुछ बना सकता हूं। इतना सुनते ही नौकरी पक्की हो गई। 15 हजार रुपये के वेतन पर इलेक्ट्रिशियन की नौकरी मिली है। - गोरखनाथ, हरदियां, कौड़ीराम

छह माह बाद मिली नौकरी

वर्ष 2019 में ग्रेजुएशन पूरा हुआ है। छह माह से नौकरी के लिए प्रयासरत था, पर नौकरी नहीं मिल रही थी। एकाउंटेंट की नौकरी मिली है। महीने के 17 हजार रुपये मिलेंगे। - अभिषेक गौड़, अमवा, भटहट

दिल्ली के लिए मिली है जॉब

स्पेक्ट्रम इंश्योरेंस सेक्टर में जॉब मिली है। इसमें सेना के लोगों के बीमा का कार्य है। नौकरी दिल्ली के लिए है। काम पर इसलिए जाऊंगा कि लोग बेरोजगार न समझें। - संदीप शर्मा, पीपीगंज

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