गोरखपुर मेडिकल कालेज की लिफ्ट में तीन कोरोना संक्रमितों के शव के साथ फंसे कर्मचारी Gorakhpur News

कोविड प्रोटोकाल के तहत कर्मचारियों ने तीनों शवों को पैक किया और स्वजन को देने के लिए लिफ्ट से लेकर ग्राउंड फ्लोर की ओर बढ़े। अभी लिफ्ट एक फ्लोर भी नीचे नहीं पहुंची कि खराब हो गई। वे काफी देर तक फंसे रहे।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 01:52 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 06:52 PM (IST)
गोरखपुर मेडिकल कालेज की लिफ्ट में तीन कोरोना संक्रमितों के शव के साथ फंसे कर्मचारी Gorakhpur News
बीआरडी मेडिकल कालेज भवन का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बीच बाबा राघवदास मेडिकल कालेज के तीन सौ बेड कोविड अस्पताल की लिफ्ट खराब हो गई। लिफ्ट में तीन कोरोना संक्रमितों के शव के साथ कर्मचारी भी फंस गए। काफी देर तक लिफ्ट न खुली तो कर्मचारियों ने तोड़कर शव व अन्य कर्मचारियों को बाहर निकाला।

लिफ्ट तोड़कर निकाले गए कर्मचारी

मेडिकल कालेज के तीन सौ बेड अस्पताल में चार फ्लोर तक कोरोना संक्रमितों को भर्ती कराया जा रहा है। गुरुवार सुबह तीन कोरोना संक्रमितों की मौत हुई। कोविड प्रोटोकाल के तहत कर्मचारियों ने तीनों शवों को पैक किया और स्वजन को देने के लिए लिफ्ट से लेकर ग्राउंड फ्लोर की ओर बढ़े। अभी लिफ्ट एक फ्लोर भी नीचे नहीं पहुंची कि खराब हो गई। कर्मचारियों को लगा कि बिजली गुल होने के कारण लिफ्ट बंद हो गई। लेकिन काफी देर तक लिफ्ट नहीं खुली तो कर्मचारियों ने शोर मचाना शुरू किया। जब किसी ने नहीं सुना तो कर्मचारियों ने कोरोना वार्ड में दूसरे कर्मचारी को फोन कर लिफ्ट खराब होने की सूचना दी। इसके बाद हड़कंप मच गया। लिफ्ट नहीं चली तो कर्मचारियों ने इसे तोड़ दिया।

स्वजन हुए परेशान

कोरोना संक्रमण से मौत होने की जानकारी के बाद स्वजन ने राजघाट स्थित मुक्तेश्वर नाथ घाट पर अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन शव आने में देर हुई तो सभी को चिंता हुई। पता चला कि लिफ्ट में खराबी के कारण शव आने में देर हुई।

सभी बेड हो गए हैं फुल

मेडिकल कालेज में बनाए गए तीन सौ और दो सौ बेड के अस्पताल के सभी बेड फुल हो गए हैं। यहां गंभीर हालत में आने वाले मरीजों को वापस करना पड़ रहा है। अफसरों का कहना है कि मरीजों को बेहतर इलाज देने की पूरी व्यवस्था की गई है। इसके बाद भी कई मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। इन मरीजों को अलग से दवा देनी पड़ रही है।

chat bot
आपका साथी