गोरखपुर में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना, कोविड अस्‍पताल से महिला के शव से गहने गायब, विरोध पर गार्डों ने पीटा

बीआरडी मेडिकल कालेज के कोविड अस्पताल में 72 वर्षीय महिला के इलाज में कदम-कदम पर लापरवाही बरती गई। महिला की मौत के बाद शव से गहने गायब मिले तो बेटे ने विरोध किया। आरोप है कि गार्डों ने बेटे की पिटाई की।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 12:30 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 12:30 PM (IST)
गोरखपुर में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना, कोविड अस्‍पताल से महिला के शव से गहने गायब, विरोध पर गार्डों ने पीटा
बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना हुई है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। बाबा राघवदास मेडिकल कालेज के कोविड अस्पताल में 72 वर्षीय महिला के इलाज में कदम-कदम पर लापरवाही बरती गई। महिला की मौत के बाद शव से गहने गायब मिले तो बेटे ने विरोध किया। आरोप है कि गार्डों ने बेटे की पिटाई की। शव लेने पहुंचे एंबुलेंस चालक को भी नहीं बख्शा। महिला का शव देते समय कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट थमा दी गई।

यह है घटनाक्रम

गोला थाना क्षेत्र की राधिका देवी को 15 अप्रैल की शाम अचानक सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। स्वजन पास के अस्पताल ले गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ तो बाबा राघवदास मेडिकल कालेज लेकर पहुंचे। यहां कोविड का संदिग्ध मरीज मानते हुए महिला को कोविड वार्ड में भर्ती किया गया। 

बीएचटी में नाम हो गया आराधना 

राधिका के बेटे अजय शुक्ल ने बताया कि मां को कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया तो डाक्टरों ने राधिका की जगह आराधना नाम लिख दिया। वह मां की स्थिति के बारे में कर्मचारियों से पूछते रहे लेकिन कोई राधिका नाम की मरीज के बारे में बता ही नहीं पा रहा था। 36 घंटे बाद पता चला कि राधिका का नाम गलती से आराधना दर्ज हो गया है। 

निगेटिव रिपोर्ट, बैग में दिया शव

अजय शुक्ल ने बताया कि रविवार सुबह उन्हें फोन कर कोविड अस्पताल बुलाया गया। यहां बताया गया कि मां की मौत हो चुकी है। साथ में कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट दी गई। इसके बाद बैग में भरकर शव दे दिया गया। जब उन्होंने बैग खोलकर देखा तो मां के गले की चेन, नाक का बूंदा और कान का झुमका गायब था। कर्मचारियों से पूछा तो वह हाथापाई करने लगे। कर्मचारियों ने गार्डों को बुला लिया और पिटाई शुरू कर दी। 

मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य ने कहा

इस संबंध में बीआरडी मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा. गणेश कुमार ने कहा कि मेरे संज्ञान में मामला है। बैग खोलकर चेहरा स्वजन को दिखाया गया। कर्मचारी इसका वीडियो बना रहा था। शव देते समय वीडियो बनाया जाता है। तीमारदार ने कर्मचारी का मोबाइल पटक दिया इससे मोबाइल टूट गया। इसके बाद विवाद हो गया। मरीज भर्ती करते समय उसके पास मौजूद सभी सामान की जानकारी दर्ज की जाती है। मोबाइल छोड़कर सभी सामान दे दिए जाते हैं। गहने चोरी करने का आरोप बेबुनियाद है। आराधना नाम के दो मरीज के कारण नाम लिखने में गलती हो गई थी। 

chat bot
आपका साथी